The Chopal

UP के इस शहर से उड़ेंगे हेलीकॉप्टर, लोग करेंगे हवाई सफर, बढ़ जाएगा रोजगार पर्यटन

UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस शहर में हेलीकॉप्टर उड़ेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि काशी से सभी धार्मिक स्थलों को हवाई मार्ग से जोड़ने की पहल पर पर्यटन विभाग ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। पर्यटकों को कम समय में प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की सैर कराने की योजना पर शासन की मुहर लग गई है...
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Helicopters will fly from this city of UP, people will travel by air, employment and tourism will increase

The Chopal , UP : काशी आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु अब प्रयागराज, चित्रकूट, नैमिषारण्य, अयोध्या, मथुरा और कुशीनगर का हवाई सफर भी कर सकेंगे। काशी से एक साथ छह हेलिकॉप्टर उड़ेंगे। काशी से सभी धार्मिक स्थलों को हवाई मार्ग से जोड़ने की पहल पर पर्यटन विभाग ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। पर्यटकों को कम समय में प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की सैर कराने की योजना पर शासन की मुहर लग गई है।

अब हेलिपोर्ट निर्माण के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। पर्यटन विभाग रिंग रोड और गंगा किनारे के इलाके में हेलिपोर्ट निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करने में जुट गया है। पर्यटन अधिकारियों के अनुसार हेलिपोर्ट के लिए ऐसी जमीन देखी जा रही है जो रेल, जल और सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हो। हेलिपोर्ट पर एक साथ आठ से दस हेलिकॉप्टर खड़े हो सकेंगे। उधर नमो घाट पर हेलिपोर्ट निर्माण का काम अंतिम चरण में है। इस हेलिपोर्ट पर एक से दो हेलिकॉप्टर उड़ान भरेंगे।

पैकेज के आधार पर बुक होंगे टिकट

काशी, अयोध्या, प्रयागराज, नैमिषारण्य, चित्रकूट, लखनऊ, कुशीनगर, मथुरा और आगरा का पैकेज अलग-अलग होगा। जिस पर्यटक को जहां जाना होगा, वह पैकेज के आधार पर हेलिकॉप्टर से उड़ान भर सकेंगे।

रोजगार और पर्यटन सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा

आईआईए के राष्ट्रीय पर्यटन समिति के चेयरमैन राहुल मेहता और वाराणसी टूरिज्म गिल्ड के अध्यक्ष संतोष सिंह के अनुसार हेलिपोर्ट बनने से काशी में पर्यटन उद्योग और रफ्तार पकड़ेगा। होटल, टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट, गाइड, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, नाविक, क्रूज, बनारसी खानपान, हस्तशिल्प उत्पाद, बनारसी साड़ी आदि का व्यवसाय और बढ़ेगा। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

कोट

हेलिपोर्ट के लिए एक-दो जगह जमीन चिह्नित की गई है। अभी उस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। हमारी कोशिश है कि हेलिपोर्ट ऐसी जगह बनाया जाए जो रेल, सड़क और जलमार्ग से सीधे जुड़ा हो।

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