High Court Decision : माता-पिता के जिंदा होते हुए नहीं मिलेगा बेटे को प्रॉपर्टी में हिस्सा, कोर्ट ने सुनाया फैसला
Bombay high court - प्रॉपर्टी को लेकर विवाद होना कोई आम बात नहीं है. परिवार में हक (property ownership ) को लेकर आपस में विवाद होते रहते हैं. हाल ही के मामले में एक महिला ने अपने वेतन के खिलाफ याचिका (property dispute) दर्ज करवाई है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला
Apr 6, 2024, 16:06 IST
The Chopal, Bombay High Court decision : कोर्ट में शनिवार को एक फैसला सुनाया जिसमें माता-पिता जिंदा है यह बेटों को बताया. कोर्ट ने कहा कि बेटों का मां-बाप की संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा. कोड में एक महिला की याचिका पर यह फैसला सुनाया. एक महिला अपने पति का इलाज करने के लिए संपत्ति बेचना चाहती थी, लेकिन उसका बेटा उसे बेचने नहीं दे रहा था. इसके बाद उसकी मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट (high court decision) ने याचिकाकर्ता सोनिया खान के पक्ष में फैसला दिया।
याचिकाकर्ता सोनिया खान ने कहा कि वह अपने पति की पूरी संपत्ति का कानूनी अभिभावक बनना चाहती थी। ऐसा करने से याचिकाकर्ता का बेटा आसिफ खान उन्हें रोक रहा था। वह भी कोर्ट में एक याचिका दाखिल की क्योंकि वह अपने पिता (bete ka pita property mein hissa) का फ्लैट बेचने के मां के निर्णय के खिलाफ था।
आसिफ ने कहा कि वह अपने पिता की सारी संपत्ति का लीगल गार्जियन है। उसके माता-पिता दोनों पतीले हैं। एक पिता का नाम है और दूसरा मां का नाम है। फ्लैट शेयर्ड हाउसहोल्ड है। फ्लैट पर इसलिए उसका पूरा हक है।
याचिकाकर्ता सोनिया खान ने कहा कि वह अपने पति की पूरी संपत्ति का कानूनी अभिभावक बनना चाहती थी। ऐसा करने से याचिकाकर्ता का बेटा आसिफ खान उन्हें रोक रहा था। वह भी कोर्ट में एक याचिका दाखिल की क्योंकि वह अपने पिता (bete ka pita property mein hissa) का फ्लैट बेचने के मां के निर्णय के खिलाफ था।
आसिफ ने कहा कि वह अपने पिता की सारी संपत्ति का लीगल गार्जियन है। उसके माता-पिता दोनों पतीले हैं। एक पिता का नाम है और दूसरा मां का नाम है। फ्लैट शेयर्ड हाउसहोल्ड है। फ्लैट पर इसलिए उसका पूरा हक है।