The Chopal

Home Loan EMI : घर खरीदने के लिए लोन लेना सही या किराए पर रहने में फायदा, आज से खुल जाएंगी आंखें

Home Loan EMI : अक्सर हर व्यक्ति खुद का घर खरीदना चाहता है।  लेकिन महंगाई के बढ़ते दौर में इस सपने को पूरा करना हर किसी के लिए संभव नहीं है।  ऐसे में, बहुत से लोगों को लोन लेकर घर खरीदने की बजाय किराए पर घर लेना पसंद है।  समाचारों में बताया गया है कि किराए पर रहना अधिक लाभदायक है या लोन लेकर घर खरीदना सही होगा..।
   Follow Us On   follow Us on
Home Loan EMI : घर खरीदने के लिए लोन लेना सही या किराए पर रहने में फायदा, आज से खुल जाएंगी आंखें

The Chopal, Home Loan EMI : जिस तरह से आज शहरों में संपत्ति की कीमतें भयंकर बढ़ गई हैं  ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को खुद का घर खरीदना आसान नहीं है।  ऐसे में महानगरों में रहने वालों को घर खरीदते समय लोन का सहारा लेना पड़ता है, जबकि अधिकांश लोग किराये पर रहते हैं। 

 जब किसी का बेटा नौकरी लग जाता है, तो वे अक्सर अपना घर खरीदते हैं।  आज घर खरीदना पहले से अधिक आसान हो गया है।  यदि आपको घर खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, तो आप बैंकों से होम लोन ले सकते हैं।  लेकिन बहुत से लोग लोन लेकर घर बनाने की बजाय किराए पर रहना बेहतर मानते हैं।  आज पता लगाओ कौन सा अधिक लाभदायक होगा..।

Property Prices दैनिक रूप से बढ़ रहे हैं।  दिल्ली-एनसीआर जैसे हॉट रियल एस् टेट स् पॉट में आज 2 बीएचके मकान खरीदना आसान नहीं रह गया है।  इसके लिए कम से कम पच्चीस लाख रुपये खर्च होंगे।  एक्सपर्टों का कहना है कि मेट्रो सिटीज में घर किराये पर लेना अधिक लाभदायक हो सकता है।

 हमेशा घर खरीदना भावनाओं से जुड़ा हुआ निर्णय होता है।  ज्यादातर लोग घर खरीदना चाहते हैं कि उनका परिवार छत के नीचे सुरक्षित रहे।  लेकिन भावनाओं को छोड़ दें तो रेंट पर रहना अधिक लाभदायक हो सकता है। 

 यह सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन आज हम आपको आसान कैलकुलेशन के माध्यम से बताएंगे कि मेट्रो शहरों में घर खरीदना या किराये पर रहकर निवेश की योजना बनाना फायदेमंद है।

 घर खरीदने के ये सिद्धांत

 मान लीजिए आप दिल्ली-एनसीआर में फ्लैट खरीदना चाहते हैं, तो आपको लगभग 50 लाख रुपये खर्च करने होंगे।  एक मध्यवर्गीय आदमी सिर्फ 10 से 20 फीसदी कमीशन दे सकता है। 

 घर के लिए 40 लाख रुपये का लोन लेना पड़ेगा अगर आप 20 प्रतिशत, यानी 10 लाख की रकम डाउन पेमेंट करते हैं।  रजिस्ट्री, स्टांप और ब्रोकरेज चार्ज अलग होते हैं।  जब आप घर खरीदते हैं, तो फर्नीचर भी जमाना पड़ेगा।  इन सभी कार्यों में आपके आराम से पांच लाख रुपये से अधिक खर्च हो सकता है। 

 दिल्ली-एनसीआर में दो बेडरूम फ्लैट में रहने के लिए आपने 15 लाख रुपये तक स्वयं खर्च किए और 40 लाख रुपये का बैंक लोन लिया।  मौजूदा समय में ब्याज दरें काफी अधिक हैं, और अगर आपको 20 वर्षों के लिए 9% ब्याज पर यह राशि मिलती है, तो आपको हर महीने 35,989 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी। 

 आप पूरे टेन्योर में 46,37,369 रुपये की ब्याज देंगे।  आप अगले दो दशक तक लोन चुकाने के लिए बंधे रहेंगे।

 निवेश का कैलकुलेशन देखें 

 अब आप 15 लाख रुपये का एकमुश् त निवेश करते हैं और 35,989 रुपये की हर महीने की EMI को सिप में डालते हैं, तो 20 साल में कितना रिटर्न मिलेगा? 

 सिप से पहले बात करें।  आप 20 साल तक 35,989 रुपये प्रति महीने सिप में निवेश करते हैं, तो आपका कुल निवेश 86,37,360 रुपये हो जाएगा।  इस पर 12 प्रतिशत का रिटर्न जोड़ने पर आप सिर्फ ब्याज के रूप में 2,73,20,974 रुपये जुटा लेंगे, जिससे आपकी कुल राशि 3,59,58,334 रुपये हो जाएगी।

 अब हम 15 लाख रुपये का एकमुश् त निवेश करके उसका रिटर्न देखते हैं।  इस पर भी औसतन 12 प्रतिशत का रिटर्न देखें तो 20 साल में आप सिर्फ 1.3 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में मिल जाएंगे, जबकि आपकी कुल राशि बढ़कर 1.45 करोड़ रुपये हो जाएगी। 

 आप घर खरीदने की रकम को कर्ज चुकाने के साथ ही 5.04 करोड़ रुपये कर सकते हैं।  यानी आपने सिर्फ EMI और डाउन पेमेंट का पैसा निवेश करके पांच करोड़ का पैसा बनाया।

 मकानों की कीमत में इतनी बढ़ोतरी होगी

 दस प्रतिशत प्रति वर्ष प्रॉपर्टी मार्केट दर बढ़ रही है।  ऐसे में, आज एक फ्लैट 50 लाख रुपये का है तो 10 साल बाद वह 1 करोड़ रुपये का हो जाएगा और 20 साल बाद 2 करोड़ रुपये का हो जाएगा।  यदि आपके पास पांच करोड़ रुपये का धन है, तो आप इसी तरह के फ्लैट खरीदने के टिप्स को अपनाकर तीन करोड़ रुपये बच सकते हैं। 

 यह भी याद रखना चाहिए कि दो दशक बाद आज खरीदा गया घर नए घर की कीमत नहीं होगा।

News Hub