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House Construction : कम पैसे में बनाना है घर तो ये है तरीका, होगी लाखों की बचत

ईंट-ईंट जोड़कर कोई घर बनता है. तो क्यों न ईंट के दाम में कुछ फायदा कमाने के बारे में सोचें. लाल ईंट अकसर महंगी होती है क्योंकि इसे सांचे में ढालने से लेकर पकाने तक में भारी खर्च होता है. इससे सस्ती पड़ती है फ्लाई ऐश ईंट.
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House Construction: If you want to build a house in less money then this is the way, you will save lakhs

The Chopal : महंगाई और महंगाई. चारों ओर यही शब्द सुनाई देते हैं. ऐसे में कोई भी छोटा या बड़ा काम करने से पहले इंसान यही सोचता है कि कैसे दो-चार रुपये बच जाएं. बात जब घर बनाने की हो तो इसमें चिंता और बढ़ जाती है. इसका खर्च लाखों में होता है और एक-एक ईंट का भी रेट बढ़ जाए तो आपकी जेब ढीली हो जाएगी. सीमेंट, सरिया, ईंट, ग्रिल, पेंट से लेकर पानी का खर्च घर बनाने में बड़ी हिस्सेदारी निभाते हैं. हाल के समय का हिसाब लगाएं तो शायद की किसी चीज का दाम घटा हो. लगभग हर सामान के रेट बढ़े ही हैं. ऐसे में क्या करें कि घोर महंगाई (Inflation) के बीच सस्ते में घर बन जाए? ऐसा क्या करें कि अफोर्डेबल घर (Affordable Housing) बन जाए और पैसे भी बच जाएं. आज इसी से जुड़े टिप्स के बारे में जानेंगे.

घर बनाना छोटा-मोटा काम नहीं, एक बड़ा श्रम और साधना का काम है. बड़ी मेहनत से घर बनता है और इसमें पाई-पाई मायने रखती है. तब क्यों न बचत का उपाय ढूंढें जिससे कि जब का खर्च कुछ कम हो. सबसे पहले यही उपाय करना चाहिए कि जो भी बिल्डिंग मैटेरियल है, उसे थोक में खरीदें. इससे दुकानदार को भी बेचने में आनंद आएगा क्योंकि उसे एकमुश्त लाभ होगा. इस लाभ का फायदा वह आपको देगा और सामान के रेट कुछ कम करके लगाएगा. अगर वही सामान आप बार-बार और टुड़कों में खरीदें तो अधिक कीमत देनी होगी. इससे आपका खर्च बढ़ जाएगा.

लाल ईंट नहीं, फ्लाई ऐश ईंट से होगी बचत

ईंट-ईंट जोड़कर कोई घर बनता है. तो क्यों न ईंट के दाम में कुछ फायदा कमाने के बारे में सोचें. लाल ईंट अकसर महंगी होती है क्योंकि इसे सांचे में ढालने से लेकर पकाने तक में भारी खर्च होता है. इससे सस्ती पड़ती है फ्लाई ऐश ईंट. काम दोनों का लगभग एक सा होता है, लेकिन फ्लाई ऐश ईंट कुछ सस्ती पड़ती है. फिर क्यों न घर बनाने में इसी ईंट का इस्तेमाल किया जाए. एक हिसाब के मुताबिक फ्लाई ऐश ईंट, लाल ईंट की तुलना में 2 से 3 रुपये तक सस्ती पड़ती है. ऐसे में अगर घर में 50 हजार ईंट लगती हो तो आराम से 1 से डेढ़ लाख रुपये तक बचत की जा सकती है. फ्लाई ऐश ईंट से सीमेंट की खपत भी कुछ कम हो जाती है.

सोच समझ कर करें सैनेटरी वेयर पर खर्च

इसके अलावा, कंस्ट्रक्शन की लागत में और भी कई फैक्टर हैं जिनसे खर्च बढ़ जाता है. सैनेटरी वेयर, प्लम्बिंग आइटम, इलेक्ट्रिक फिटिंग्स और रंगाई-पुताई. अगर इन खर्चों को सावधानी से मैनेज करें, खरीदारी में मोल-मोलाई करें तो अच्छी रकम बचाई जा सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि किसी एक ही हार्डवेयर की दुकान से ये सभी सामान खरीदें जाएं और दुकानदार से सही रिबेट की मांग की जाए. अगर दुकानदार मान जाए तो ठीक नहीं तो किसी और दुकान पर भी रेट ले सकते हैं. जहां खरीदारी में फायदा दिखे, वहीं से सामान लें जिससे कि खर्च बचाया जा सके.

लोकल सामान भी दे सकते हैं ब्रांड का मजा

ब्रांडेड सामान के पीछे आंख मूंदकर भागने की जरूरत नहीं है. कई ब्रांड ऐसे हैं जो लोकल होते हैं, लेकिन उनका काम ब्रांड को फेल करता है. इन लोकल सामानों की खरीदारी करके भी पैसे बचाए जा सकते हैं. ब्रांडेड सामान की तुलना में लोकल आइटम 30-35 फीसद तक सस्ते होते हैं जिनसे आप अच्छी बचत कर सकते हैं. लोकल सामान पर भी वारंटी मिलती है. फिर उसे खरीदने में क्यों परहेज किया जाए? इसके लिए ब्रांडेड नल या टोंटी की जगह लोकल टोंटी का इस्तेमाल कर हजारों रुपये बचाए जा सकते हैं.

अकसर देखा जाता है कि बुद्धिमानी से सीमेंट और सरिया का इस्तेमाल नहीं किया जाए तो घर की लागत कई गुना तक बढ़ जाती है जबकि इसका फायदा बहुत अधिक नहीं होता. बहुत लोग डीपीसी लेवल पर बीम डालते वक्त अधिक सरिया और सीमेंट का इस्तेमाल करते हैं जबकि बीम में कम सरिया लगाकर और रोड़ी-ईंट भरकर काम चलाया जा सकता है. इससे भी बीम की मजबूती पूरी बनी रहेगी और पैसे की बचत भी भरपूर होगी.