The Chopal

House Rule For Gold : घर में रखें इतना ही सोना, ज्यादा मिला तो IT विभाग करेगा जब्त

Gold Limit for home :घर में सोना रखने की भी एक लिमिट है जो सरकार द्वारा निर्धारित कर रखी है. अगर एक पुरुष लिमिट से अधिक सोना खरीदना है तो फिर दिक्कत हो सकती है लिए जान लीजिए इसको लेकर क्या है कानून
   Follow Us On   follow Us on
House Rule For Gold : घर में रखें इतना ही सोना, ज्यादा मिला तो IT विभाग करेगा जब्त

The Chopal ( New Delhi ) सोना (Gold) सिर्फ निवेश के लिए नहीं. बल्कि खुशी के लिए भी खरीदा जाता है. सोने की गिरती कीमतें (Gold Price) लोगों को खुश करती हैं. निवेश का मौका देती हैं. भारतीयों के लिए सोना निवेश का सबसे पसंदीदा विकल्प एक है. ज्यादातर भारतीय परिवारों में सोना रिजर्व (Gold reserve) रखने की परंपरा है. माना जाता है सोना बुरे वक्त का साथी है. इसलिए महिला हो या पुरुष हर कोई सोना खरीदता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जिंदगीभर आप एक साथ कितना सोना रख सकते हैं? कानूनी दायरे में कितना सोना रखना चाहिए? इससे जुड़े नियम क्या है? आइए जानते है...

​क्या कहता है नियम?

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 132 के मुताबिक, टैक्स अधिकारियों के पास यह अधिकार है कि तय सीमा से ज्यादा ज्वैलरी, बुलियन या अन्य कीमती धातु मिलने पर उसे जब्त कर सकें. कानून में यह भी जिक्र है कि कोई शख्स अपने पास कितना सोना (Gold) रख सकता है.

एक विवाहित महिला अधिकतम 500 ग्राम सोना अपने पास रख सकती है. अविवाहित महिला अपने पास अधिकतम 250 ग्राम सोना रख सकती है. वहीं, पुरुषों को सिर्फ 100 ग्राम सोना (Gold) रखने की ही इजाजत है. हालांकि, अगर कोई व्यक्ति अपने पास रखे सोने का वैलिड सोर्स और प्रूफ देता है तो वह घर पर जितना मर्जी उतना सोना रख सकता है. लेकिन, बिना इनकम सोर्स बताए घर में सोना रखने की लिमिट तय है. तय सीमा में सोना घर में रखने पर इनकम टैक्स विभाग उसे जब्त नहीं करेगा.

​लिमिट से ज्यादा रखा सोना तो क्या?

इसकी दो शर्तें हैं. पहली, ये शख्स ऐसा हो जो कि आईटी रिटर्न फाइल नहीं करता हो. दूसरा, यह सोना ज्वैलरी के रूप में नहीं हो, सिक्के या बार के रूप में हो सकता है. कानूनन ज्वैलरी के रूप में सोना (Gold) रखने की कोई सीमा नहीं है, लेकिन आपको इनकम प्रूफ देना होगा. अगर ज्वैलरी विरासत में मिली है तो इसकी वसीयत दिखानी होगी. सोना कहां से आया, यह सबूत के साथ आयकर विभाग को बताना होगा. CBDT ने 1 दिसंबर 2016 को बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले गोल्ड का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी रख सकता है.

इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी डीटेल

अगर किसी व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम 50 लाख रुपए (सालाना) से ज्यादा है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न में Gold ज्वैलरी और उसकी वैल्यू का ब्योरा देना होगा. रिटर्न में दी गई ज्वैलरी की घोषित वैल्यू और उसकी वास्तविक वैल्यू में अंतर नहीं होना चाहिए. अंतर होने पर इसका कारण बताना होगा.

​गिफ्ट में मिला सोना टैक्सेबल नहीं

अगर किसी को गिफ्ट में 50000 रुपए से कम की गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) मिली है या विरासत में सोना, ज्वैलरी या कोई अन्य आभूषण मिले हैं तो वो टैक्स के दायरे में नहीं आता. लेकिन, व्यक्ति को साबित करना होगा कि यह उसे गिफ्ट या विरासत में मिला है. विरासत में मिले सोने के लिए फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट या वसीयत में इसका जिक्र होना चाहिए. वहीं, गिफ्ट में मिले सोने के लिए देने वाले के नाम की रसीद होनी चाहिए.

Also Read : हरियाणा के रोहतक और हांसी की नई रेल लाइन पर पैसेंजर ट्रेनें हुई शुरू, देखें टाइम टेबल