UP में नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड के किनारे विकसित होगा हाउसिंग प्रोजेक्ट, 4 गावों से गुजरेगा रोड़
UP News : नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) के किनारे ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ला रहा है। इससे बिल्डरों को किसानों से जमीन खरीदकर कॉम्प्लेक्स बनाने की अनुमति मिलेगी, जैसे राजनगर एक्सटेंशन। जीडीए सड़क को सुंदर बनाने के लिए पेड़ लगाएगा और फेंस लगाएगा। प्राधिकरण ने बिल्डरों को इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित किया है।
Uttar Pradesh News : नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड के दोनों ओर ग्रुप हाउसिंग बनाने का योजना बनाया जा रहा है। इसके लिए, जीडीए इस सड़क पर तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए, सड़क जिस क्षेत्र से गुजरती है वहां की जमीन को आवासीय और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए चिह्नित किया जाएगा। जिससे बिल्डर इस जमीन को किसानों से लेकर ग्रुप घर बना सकें। जैसे राजनगर एक्सटेंशन में अभी ग्रुप हाउसिंग है।
सेंट्रल वर्ज और एनपीआर सेंट्रल वर्ज दोनों ओर पौधरोपण और फेंसिंग करेंगे। इससे इस रोड़ को अलग किया जा सकता है। यहां जीडीए बिल्डरों को परियोजना लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि मास्टर प्लान 2031 में सड़क के दोनों किनारों पर आवासीय और व्यावसायिक उपयोग शामिल हैं। जिससे अधिक ग्रुप हाउसिंग और कमर्शल बनाए जा सकें। इससे जीडीए की आय में वृद्धि होगी। वहीं दूसरी ओर लोगों को घर भी मिल सकेगा।
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ज्ञात है कि दिल्ली-हापुड़ रोड (एनएच-9) से लोनी तक छह लेन की नॉर्दन पेरिफेरल रोड बनेगी, जो लगभग 20 किलोमीटर लंबी होगी। इससे डासना को लोनी और पूर्वी दिल्ली से सीधा जोड़ा जा सकेगा। इस सड़क को जीडीए दो चरणों में बना रहा है। पहले चरण में दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर मननधाम मंदिर से लोनी तक एक सड़क बनाई जाएगी। दूसरे चरण में दिल्ली-मेरठ राजमार्ग से डासना तक आठ किमी की सड़क बनाई जाएगी।
इन गांव से गुजरेगी रोड
अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में दिल्ली-मेरठ रोड के मननधाम मंदिर से रोड शाहपुर निज मोस्टा, मथुरापुर, शमशेरपुर और चंपतपुर होते हुए लोनी के भनेड़ा खुर्द में जाकर खत्म होगा। यह मार्ग दूसरे चरण में दिल्ली-मेरठ हाईवे से शुरू होकर मोस्टा, मधुबन बापूधाम, रसूलपुर सिक रोड और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर डासना से जुड़ेगा। जीडीए इन गांवों की जमीन पर आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र बनाने का विचार कर रहा है।
राजनगर एक्सटेंशन में खर्च होंगे 35 करोड़ रुपये
जीडीए ने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन में 63 से अधिक सोसाइटी हैं, जिसमें दो लाख से अधिक लोग रहते हैं। लोगों को आवश्यक सुविधाएं नहीं दी गई हैं। अब प्राधिकरण यहां ड्रेनेज, सीवरेज और सड़कों का निर्माण और मरम्मत करने के लिए लगभग 35 करोड़ रुपये खर्च करेगा ताकि लोगों को उनकी समस्याओं से छुटकारा मिल सके। इसमें आवासीय योजना के तहत मुख्य राजनगर एक्सटेंशन में अधूरी सड़क का निर्माण भी शामिल है।