High Court में 55 हजार सिक्के 7 बोरियों में भरकर पहुंचा पति, हैरान हो जाएंगे वजह जानकार
The Choapl, High Court - राजस्थान में पारिवारिक विवाद की बकाया भरण-पोषण राशि देने से जुड़ा एक दिलचस्प मामला सामने आया है। आरोपी पति ने एडीजे कोर्ट क्रम-8 में पत्नी को गुजारा भत्ता देने के आदेश का पालन किया। अदालत ने सिक्कों की गणना नहीं होने पर उनकी गिनती कराने का आदेश दिया।
अदालत में आरोपी पति की इस कार्रवाई से सभी स्तब्ध हो गए। 7 कट्टों में सिक्के भरकर लाओ। कोर्ट में हर कोई हैरान था। पत्नी ने पति की इस कार्रवाई को मानसिक शोषण बताया। पति सीमा कुमावत के वकील रामप्रकाश कुमावत ने कहा कि यह मानवीयता नहीं है। उन्हें परेशान करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। कोर्ट ने बताया कि इस राशि को गिनने में दस दिन लगेंगे। पति के अधिवक्ता ने कहा कि भारतीय मुद्रा वैध है।
पांच हजार गुजारा भत्ता देने की अनुमति दी गई थी—
इस मामले में अदालत ने पति दशरथ को पत्नी के प्रार्थना पत्र पर पांच हजार रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। दशरथ ने इस आदेश का पालन नहीं किया और कई महीनों तक भोजन की राशि नहीं दी। अदालत को इसकी सूचना मिलने पर अभियुक्त के वारंट जारी किए गए। जिसकी वजह से पति दशरथ को हरमाड़ा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया गया। आरोपी पति को लिंक कोर्ट में पेश किया गया क्योंकि फैमिली कोर्ट के पीठासीन अधिकारी छुट्टी पर था। जहां उसे अदालत ने जेल भेजने का आदेश दिया।
आरोपी को सात कट्टों में 55 हजार रुपये देकर अदालत में लाया गया—
आरोपी ने इस दौरान अदालत में 55 हजार रुपये के सात कट्टों में लाए। आरोपी ने कहा कि ये एक रुपये और दो रुपये के सिक्के देश की मुद्रा हैं। इसलिए इस राशि को स्वीकार करना चाहिए। वहीं पत्नी ने बताया कि आरोपी ने उसे प्रताड़ित करने के लिए सिक्के दिए हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने आरोपी पति को 26 जून को सिक्कों की गणना करने का आदेश दिया।
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