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पति को उठानी होगी घर की यह जिम्मेदारियों, जानें High Court का फैसला

High Court : कोर्ट ने पति और पत्नी के अधिकारों को मद्देनजर रखते हुए एक फैसला लिया है। कोर्ट के इस फैसले से महिलाओं को काफी राहत मिली है। कोर्ट ने कुछ ऐसे जिम्मेदारियों के बारे मे बताया है जो पति का भी उठानी चाहिए।
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Husband will have to take up these household responsibilities, know the decision of the High Court

The Chopal : बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने अपने एक फैसले में कहा है कि पत्नी ही घर की सारी जिम्मेदारी निभाए, यह सोच आदिम मानसिकता वाली है। इसमें सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। आधुनिक समाज में घरेलू जिम्मेदारियों का बोझ पति-पत्नी (husband wife) दोनों को समान रूप से उठाना होगा। कोर्ट ने पत्नी पर क्रूरता का आरोप लगाने वाले पति को यह नसीहत देते हुए उसकी तलाक (Divorce) की मांग को नामंजूर कर दिया है। 

पत्नी के बर्बर व्यवहार से तंग आकर पति ने पुणे के फैमिली कोर्ट (family court) में तलाक (Divorce) की अर्जी लगाई थी। मार्च 2018 में फैमिली कोर्ट ने पति की इस मांग को अस्वीकार कर दिया था, जिसके खिलाफ पति ने हाई कोर्ट (high court) में अपील दायर की थी। पति ने पत्नी पर यह भी आरोप लगाया था कि वह दिनभर अपनी मां से फोन पर बात करती है और वह उसे उकसाती हैं। कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया।(breaking news)

माता-पिता से बात करने से रोकना ठीक नहीं

जस्टिस नितिन सांबरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की बेंच ने इस अपील पर सुनवाई की। बेंच ने कहा, 'विवाह के बाद किसी महिला को उसके माता-पिता से पूरी तरह से अलग नहीं किया जा सकता। संबंध तोड़ने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। उसे माता-पिता से बातचीत करने से रोकना मानसिक क्रूरता है। पति-पत्नी के बीच झगड़े में अक्सर तल्ख और कड़े शब्दों का उपयोग करना आम बात है। इसलिए पति ने क्रूरता के जो आरोप लगाए हैं, वह साबित नहीं होते। जब पीड़ित पक्ष (पति या पत्नी) को इतनी मानसिक व शारीरिक पीड़ा हो कि दोनों का एक-दूसरे के साथ रहना मुश्किल हो जाए, तभी अदालत क्रूरता के आधार पर विवाह खत्म कर सकती है। मौजूदा मामला ऐसा नहीं है। इसलिए पति की अपील खारिज की जाती है।'

पति ने कहा-पत्नी को उकसाती है सास

पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी मोबाइल पर अपनी मां से लगातार बात करती है। घर का कोई काम नहीं करती, नाश्ता नहीं देती और न ही ऑफिस जाते समय उसे खाना देती है। समझाओ तो झगड़ा करती है। वह एक बार अपने ससुर के गृह प्रवेश कार्यक्रम में नहीं जा पाया, तो उसकी पत्नी ने उसके साथ हिंसक व्यवहार किया। उसकी सास हिंसक व्यवहार के लिए उकसाती है। उसका अब पत्नी से मनोमिलन नहीं हो सकता, क्योंकि दोनों 10 साल से अलग रह रहे हैं।

पत्नी ने आरोपों का किया खंडन

पत्नी ने सभी आरोपों का खंडन किया था। उसके मुताबिक, ऑफिस से आने के बाद उससे घर का सारा काम करने अपेक्षा की जाती थी। इस कामकाजी दंपती का बिहार में 8 जुलाई 2010 को विवाह हुआ था। उसके बाद दोनों पुणे आ गए। तीन साल बाद एक बेटी हुई। इसके बाद से दोनों के बीच मतभेद गहरा गए।

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