गेहूं की फसल में अगर दिख रहा है पीलापन, तो अपनाएं यह तरीका
The Chopal, Agriclture : फसल को अधिक पानी देना कई बार पीला होने का कारण बन जाता है. दरअसल, काली मिट्टी वाली जमीन में पानी काफी समय तक रुका रहता है, जिससे गेहूं की फसल में पीलापन की शिकायत आने लगती है. इससे फसल की जड़ को हवा नहीं मिल पाती. हवा न मिलने से जड़ों की ग्रोथ सही ढंग से नहीं होती और पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं.
वहीं फसल में विभिन्न प्रकार के रोग लगने से भी पत्तियां पीली पड़ने लगते हैं और गेहूं की फसल खराब होने लगती है. खेकड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक शुभम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर गेहूं में पीलापन आने के बाद गेहूं खराब होने लगता है. समय पर अगर उपाय न हो तो निकासी पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है.
पीलापन आने के हैं मुख्य चार कारण
गेहूं में पीलापन आने का कारण मुख्यतः चार चीज होती हैं. पहला कारण गेहूं में अधिक पानी काफी समय तक रुके रहना, दूसरा गेहूं में जरूरी पोषक तत्वों की कमी का होना, जैसे फास्फोरस जिंक सल्फर आदि. अगर समय पर हम जरूरी पोषक तत्व गेहूं में डाल दें, तो गेहूं का रंग और उसकी बढ़ोतरी अच्छी होती है. जिससे उसकी निकासी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.
बीमारी से बचाव के लिए करें ये उपाय
वहीं फंगस एक ऐसी बीमारी है, जो गेहूं को धीरे-धीरे खराब करती है. इसके बचाव के उपाय निम्न प्रकार हैं. खेत में पीला चिपचिपा कार्ड (10-12 प्रति एकड़) लगाएं. इसके बाद नीम का तेल @3-4 मिली/लीटर पानी या थायोमेथोएक्सम 25 डब्ल्यू जी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस एल @60-100 ग्राम/एकड़ पानी की मात्रा 180-200 लीटर/एकड़ होनी चाहिए और करीब 15 से 20 दिन के अंतराल पर 1 किलो एनपी यानि यूरिया का स्प्रे करें और किसी भी जानकारी के लिए निशुल्क परामर्श के लिए खेकड़ा कृषि विज्ञान केंद्र पर पहुंचें.
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