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UP वालों के लिए जरूरी सूचना, व्हीकल प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट को लेने का तरीका बदला

Vehicle PUC Through App : उत्तर प्रदेश के लोगों को यह खबर बहुत अच्छी लगी है, एनआईसी को पहले प्रदूषण जांच पोर्टल को सुधारने का आदेश दिया गया था। बताया जा रहा है कि व्हीकल्स का प्रदूषण अब नए तरीके से जांचा जाएगा। अधिकारियों ने इसे बताया है। खबर में पूरी जानकारी देखें।
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UP वालों के लिए जरूरी सूचना, व्हीकल प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट को लेने का तरीका बदला

The Chopal, Vehicle PUC Through App : मोटर व्हीकल को पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) प्रमाणपत्र चाहिए। व्हीकल मालिकों को निर्धारित समय पर इसे अपडेट करना होगा। इसके लिए आपको पीयूसी सेंटर पर गाड़ी की जांच करानी होगी. अगर गाड़ी की जांच में पास होता है, तो PUC मिलता है। लेकिन पीयूसी सर्टिफिकेट जारी करने के बारे में बहुत कुछ गलत है।

उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग ने इसे नियंत्रित करने के लिए पूरी कोशिश की है। एनआईसी को प्रदूषण जांच पोर्टल को अपग्रेड करने के लिए कहा गया था। अब ऐप व्हीकल्स की प्रदूषण की जांच करेगा। अधिकारियों ने इसे बताया है। यह कार्रवाई प्रदूषण जांच के दौरान व्हीकल्स के फिजिकल उपलब्ध होने को सुनिश्चित करने और फेक एपीआई का उपयोग रोकने के लिए की गई है।

इसके लिए पीयूसी सर्टिफिकेट पोर्टल को अपग्रेड करके पीयूसी वर्जन 2.0 पोर्टल बनाया गया है। लखनऊ में कुछ प्रदूषण जांच केंद्रों पर नए पोर्टल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, पोर्टल को इसकी सफलता को देखते हुए 15 अप्रैल से प्रदेश भर में लागू किया जाएगा। फिर, राज्य के सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को पीयूसीसी सेंटर ऐप का उपयोग करना होगा।

एक सेंटर पर तीन अलग-अलग मोबाइल एप का उपयोग किया जा सकेगा। लेकिन बाद में एक ही मोबाइल से लॉगिन होगा। स्थायी प्रदूषण जांच केंद्र से 30 मीटर की दूसरी जगह इसका उपयोग किया जा सकेगा। वहीं, परिवहन कार्यालय से 40 किमी दूर मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केंद्र की सीमा होगी। इसके लिए आपको ऐप में अपनी लोकेशन फीड करनी चाहिए।

इससे PUC फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जा सकेगी और लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा। PUC प्रक्रिया के दौरान व्हीकल की फ्रंट, साइड और रियर साइड की तस्वीर लेनी होगी। यह भी रिकॉर्ड करना होगा।