Smart meter के नाम पर फ्रॉड करने वाले निकाल रहे रोजाना नए तरीके, ऊर्जा विभाग ने की बचने की अपील
Bihar News : आज की डिजिटल जमाने में फ्रॉड के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। फ्रॉड के नए-नए तरीके साइबर ठगो द्वारा खोजे जा रहे हैं। शासन की व्यवस्था को यह ठगी खुली चुनौती दे रहे हैं। हर रोज ठगी की नई वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

Cyber Fraud : डिजिटल जमाने में हर काम जल्दी-जल्दी हो जाते हैं। लेकिन डिजिटल जमाने में साइबर फ्रॉड का खतरा बहुत ज्यादा बना रहता है। लोगों के साथ नए-नए तरीकों से साइबर फ्रॉड किया जा रहा है। लोगों को ठगी का शिकार बनाकर उनके खाते से मोटी रकम उड़ा लेते हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिन उन्हें एक कॉल आया। बताया कि वह बिजली विभाग से बोल रहा है। आपके मीटर का रिचार्ज खत्म होने वाला है। स्मार्ट मीटर का वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ है।
नया हथकंडा किया गया इस्तेमाल
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में भी साइबर अपराधियों ने इस हथकंडा का इस्तेमाल किया है। कुछ लोग भी इनके शिकार हुए हैं। ऊर्जा विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए बिजली उपभोक्ताओं से इस तरह की योजनाओं से बचने की अपील की है। साथ ही हर कॉल पर अलर्ट रहने के लिए भी कहा गया है। विभाग ने कहा कि बिजली विभाग भौतिक रूप से वेरिफिकेशन करता है। यह ऑनलाइन या किसी एप से नहीं किया जा सकता।
खाते से कट गए पैसा
मिठनपुरा मालीघाट निवासी रमेश कुमार वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी का शिकार हो गया है। साथ ही, उन्होंने ऑनलाइन शिकायत की है। लेकिन अब तक स्थानीय थाना या साइबर थाना को उनका आवेदन कार्रवाई के लिए नहीं भेजा गया है। रमेश ने कहा कि 16 सितंबर को बेंगलुरु से फोन आया था। बताया कि वह विद्युत कंपनी के तकनीकी विभाग से बातचीत कर रहे हैं। मीटर रिचार्ज नहीं हो रहा है। मीटर का बैलेंस भी संयोगवश कुछ देर पहले खत्म हो गया था। उन्होंने एक एप डाउनलोड किया। इसके बाद मोबाइल से 16 रुपये एक खाता में डाल दिए गए। कुछ देर बाद करीब पांच से 10 मिनट के लिए मोबाइल ने काम करना बंद कर दिया और खाता से 35 सौ रूपये का ट्रांजेक्शन हो गया। मोबाइल में यूपीआई के एप से टैग खाता से पैसा गायब हुआ।
करीब पांच से 10 मिनट के लिए मोबाइल ने काम करना बंद
बिजली कार्यालय में जन सुराज के वरिष्ठ कार्यकर्ता अब्दुल माजिक ने इस बारे में शिकायत की है। उनका कहना था कि पिछले दिन उन्हें फोन आया था। बताया कि बिजली विभाग से बातचीत कर रहा है। आपके मीटर का रिचार्ज समाप्त हो जाएगा। स्मार्ट मीटर को भी वेरिफिकेशन नहीं किया गया है। इसे लेकर उन्हें एक ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी। उसने कहा कि एप डाउनलोड करने के बाद 16 रुपये ट्रांसफर करें। इसके बाद वे लोग वेरिफिकेशन की प्रक्रिया करेंगे। अब्दुल माजिद ने फिर स्थानीय बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को फोन कर इसकी सूचना दी। मोबाइल पर ऐप डाउनलोड नहीं किया गया था। अब्दुल माजिद इससे ठगी से बच गए। कुछ देर बाद करीब पांच से 10 मिनट के लिए मोबाइल ने काम करना बंद कर दिया और खाता से 35 सौ रूपये का ट्रांजेक्शन हो गया। मोबाइल में यूपीआई के एप से टैग खाता से पैसा गायब हुआ।