UP में इस तरीके से देख सकेंगे घरौनी, परिवार के हर सदस्य की मिलेगी जानकारी
UP PM Swamitva Yojana Latest News : उत्तर प्रदेश में ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों के लिए राजस्व रिकॉर्ड, संपत्ति विवाद निपटारा, संपत्ति की सही माप आदि की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने से घरौनी वितरण योजना का शुभारंभ कर दिया है। घरौनी बनने के बाद ग्रामीणों को बैंकों से ऋण लेने में आसानी होगी संपत्ति विवादों में कमी आएगी और ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि होगी।

Gharauni benefits In UP : यह घर आपका है, इसका दस्तावेज बनेगी 'घरौनी'। जिस तरह कृषि भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज खतौनी होती है, उसकी तरह अब घरों के दस्तावेज के रूप में घरौनी होगी। अब ग्रामीणों के पास अपने घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा।
स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन सर्वे कर घर चिह्नित किए गए। इसके बाद इनका मालिकाना हक तैयार किया गया है। घरों के मालिकाना हक का कानूनी दस्तावेज नहीं था। अब घरौनी के रूप में घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। गांवों में घरों के मालिकाना हक का दस्तावेज न होने के कारण विवादों के निस्तारण में दिक्कत आती थी, अब ऐसा नहीं होगा। घरों पर बैंक से कर्ज लेने की सुविधा रहेगी। ग्राम पंचायतों को घरों पर कर निर्धारण का अधिकार रहेगा, इससे राजस्व बढ़ेगा।
स्वामित्व योजना को मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य गांवों में कृषि भूमि से अलग आबादी वाले क्षेत्रों के लिए राजस्व दस्तावेजों में अधिकारों का रिकॉर्ड बनाना है। स्वामित्व उत्तर प्रदेश योजना के तहत घरौनी के लिए राजस्व परिषद ने 90,573 गांवों को चिह्नित किया है। इसके लिए ड्रोन सर्वेक्षण के बाद 10 हजार गांव गैर आबाद मिले हैं, जबकि कुछ गांव नगरीय निकायों की सीमा में आ गए हैं।
योजना के तहत लेटेस्ट सर्वे वाले ड्रोन और जीआईएस टेक्नोलॉजी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली भूमि का सीमांकन किया जाता है। इस योजना में 3,44,868 गांवों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 92 प्रतिशत यानी करीब 3.17 लाख गांवों में पहले ही ड्रोन के जरिए सर्वे किया जा चुका है।
घर की संपत्ति का बनेगा रिकॉर्ड
गांव में लोगों के पास अपनी संपत्ति , मकान और मकान के आसपास जमीन भी होती है लेकिन उनके पास कागज या ऑन रिकॉर्ड नहीं होता है जिसकी वजह से ग्रामीण इस तरह की संपत्ति के अन्य उपयोग नहीं कर पाते थे, लेकिन घरौनी से अब यह समस्या दूर हो जाएगी।
संपत्ति विवाद निपटारे में सहायक
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत में आबादी वाली संपत्ति को कवर करना है। घरौनी से संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार स्पष्ट सकेगा। संपत्ति का एक नक्शा भी स्पष्ट होगा तो संपत्ति विवाद होने पर निपटारा भी आसान होगा। आबादी वाले ग्रामीण इलाके में संपत्ति की घरौनी होने से न केवल संपत्ति का मालिकाना अधिकार स्पष्ट होगा और विभाग को आबादी वाली संपत्ति यानी घरों के क्षेत्रफल की सही जानकारी हो सकेगी।
घरौनी को खतौनी की तरह मान्यता
इतना ही नहीं सपंत्ति की सही माप, मालिकाना हक, और नक्शा होने के चलते हैं, संपत्ति का मालिक किसी वित्तीय संस्थान जैसे कि बैंक आदि से संपत्ति पर कर्ज भी प्राप्त कर सकेंगे। घरौनी को खतौनी की तरह ही मान्यता दी गई है। योजना के तहत ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए घरों के नक्शे की सही जानकारी निकालने के बाद उसे गांव में चिपकाया जाता है। 15 दिन के भीतर अगर संबंधित घर या नक्शे को लेकर किसी की कोई शिकायत होती है तो उसे दावा पेश करना होता है। अगर कोई शिकायत या दावा नहीं पेश किया जाता है तो घरौनी को सही मान लिया जाता है।
कैसै प्राप्त होगी घरौनी
ड्रोन सर्वेक्षण के बाद तैयार होने वाली घरौनी में लोगों को पिता, पति, पत्नी व बच्चों के नाम भी दर्ज करवाने की सुविधा दी गई है। ताकी बाद में परिवार के बीच संपत्ति बंटवारे में इसका उपयोग हो सके। जिन गावों में घरौनी तैयार करने का काम पूरा हो गया है, वहां के लोगों को मोबाइल पर एसएमएस आएगा। इसमें लिंक दिया जाएगा। इस लिंक को खोलकर घरौनी आन लाइन निशुल्क डाउनलोड की जा सकेगी। इसके अलावा विभागीय दफ्तर से भी घरौनी प्राप्त की जा सकेगी।