Indian Railways : देश में ये है रेलवे का इकलौता डायमंड क्रॉसिंग, हर दिशा से दौड़ती है ट्रेन
Railway News : देश में एक रेलवे क्रॉसिंग ऐसी भी है जहां हर दिशा से आपको ट्रेन आती दिखेगी. ये सारी लाइनें एक ही जगह पर आकर मिलती हैं और फिर डायमंड क्रॉसिंग बनती है. महाराष्ट्र के नागपुर में देश की इकलौती डायमंड क्रॉसिंग है. इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
यहां पटरियों के मिलने के कारण डायमंड जैसा शेप बन जाना ही इसे खास नहीं बनाता है. बल्कि यहां एक और अनूठी चीज होती है जो शायद ही किसी और क्रॉसिंग पर होती हो. यहां आते ही ट्रेन का पेंटोग्राफ नीचे गिरा दिया जाता है और ट्रेन बिना किसी पावर के ही आगे बढ़ जाती है अक्सर लोगों के मन में सवाल होता है कि आखिर ऐसा किया क्यों जाता है और ट्रेन बगैर पावर के आगे कैसे बढ़ती रहती है. इसके 2 अलग-अलग कारण हैं. हो सकता है आप में से कई लोग इससे वाकिफ भी हों लेकिन जो लोग नहीं जानते आज वह भी जान जाएंगे.
पहले जान लेते हैं पेंटोग्राफ क्या होता है. पेंटोग्राफ इंजन के ऊपर लगा होता है. आपने देखा होगी कि इंजन के ऊपर कार के वाइपर की शेप का एक उपकरण लगा होता है जो ओवरहेड वायर से चिपक कर चलता है. यही पेंटोग्राफ होता है. पेंटोगाफ का काम तार से बिजली का संचरण इंजन के ट्रांसफॉर्मर तर करने का होता है.
इसी से ट्रेन चलती है. ऐसा कम ही होता है कि इसका कनेक्शन वायर से टूटे. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका डिजाइन काफी फ्लेक्सिबल बनाया जाता है और चाहें ढलान आए या पटरी एकदम से ऊपर की ओर चढ़ने लगे यह हमेशा खुद को एडजेस्ट करके वायर से जुड़ा रहता है. इसके अलग होते ही इंजन को पावर सप्लाई बंद हो जाएगी और ट्रेन वहीं रुक जाएगी.
लेकिन डायमंड क्रॉसिंग पर जानबूझ कर इसे नीचे कर दिया जाता है. दरअसल, उस क्रॉसिंग पर कई ओवरहैड वायर हैं जिसमें पेंटोग्राफ के उलझने का खतरा होता है. अगर ऐसा हो जाए तो यह ट्रेन और यात्री दोनों के लिए खतरा है. इसलिए पेंटोग्राफ को नीचे कर दिया जाता है.
पेंटोग्राफ नीचे होने के बाद भी ट्रेन फिजिक्स के नियम लॉ ऑफ इनर्शिया के कारण चलती रहती है. यह न्यूटन का फर्स्ट लॉ ऑफ मोशन है. जिसके अनुसार, कोई भी चीज या तो चलती रहेगी या रुकी रहेगी जब तक की उसे कोई धकेले या रोके नहीं. गाड़ी की स्पीड पहले से ही तेज होती है इसलिए कुछ देर तक तो वह पहले से मिले हुए फोर्स के कारण ही आगे चली जाती है. और जैसे ही डायमंड क्रॉसिंग पार होती है पेंटोग्राफ दोबारा जोड़ दिया जाता है. हालांकि, ऐसा कुछ ही दूर तक किया जा सकता है क्योंकि उसके बाद पहियों और पटरी का घर्षण ट्रेन को रोकने लगता है.
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