UP News : उत्तर प्रदेश में बनाया जाएगा देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे, इन 15 जगह लगेंगे टोल प्लाजा
UP Longest Expressway : उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है। वास्तव में, योगी ने इस एक्सप्रेस-वे को महाकुंभ से पहले शुरू करने के स्पष्ट आदेश दिए हैं।
The Chopal (UP News) : उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 से पहले, देश का दूसरा सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी होगी, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
भारत में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यहां छह एक्सप्रेसवे काम कर रहे हैं और सात एक्सप्रेसवे का निर्माणा अभी चल रहा हैं। अब यूपी में चार एक्सप्रेसवे हैं, लेकिन गंगा एक्सप्रेसवे के संचालन के साथ ही देश के शीर्ष 10 एक्सप्रेसवे में यूपी के पांच एक्सप्रेसवे होंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने दिए हैं, स्पष्ट आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यूपीडा के अधिकारियों को साल के समाप्त होने तक गंगा एक्सप्रेसवे को चालू करने का स्पष्ट आदेश दिया है। यह एक्सप्रेसवे राज्य को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके निर्माण के बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ और प्रयागराज तक की दूरी को कुछ घंटों में निर्धारित किया जा सकेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे बिजौली गांव से शुरू होकर मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर प्रयागराज (एनएच-19) पर जूडापुर दादू गांव के पास खत्म होगा। 7467 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाली इस एक्सप्रेस-वे परियोजना का मूल्य 36,230 करोड़ रुपये है।
बड़े विमान गंगा और रामगंगा पर उतर सकेंगे, दो लंबे सेतु बनेंगे
शुरू में गंगा एक्सप्रेसवे को छह लेन से आठ लेन में बढ़ाया जाएगा। इसकी बनाई गई स्पीड 120 किमी प्रति घंटा होगी। एक्सप्रेसवे पर नौ जनसुविधा परिसरों बनाए जाएंगे। वहीं, मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) दो स्थानों पर प्रस्तावित हैं, जबकि रैंप टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, रामगंगा नदी पर (720 मीटर) और गंगा नदी पर (960 मीटर) के बड़े सेतु भी बनाए जाएंगे।
3.50 किमी लंबी हवाई पट्टी भी शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के निकट बनाई जाएगी। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियों में से 141 मिल गई हैं। गंगा एक्सप्रेसवे बनाने में मेसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और मेसर्स अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
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