UP में 2 गांवों की जमीन अधिग्रहण कर बनेगा औद्योगिक गलियारा, कवायद हुई शुरू
UP News : उत्तर प्रदेश में यूपी सरकार के नेतृत्व में काफी विकास हुआ है. बड़े स्तर पर उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का निर्माण करवाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में नए औद्योगिक गलियारे के लिए दो गांवों की जमीन अधिग्रहण करने वाली है.
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे नए औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा. इस औद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए दो गांव की जमीन खरीद जल्द ही शुरू होगी। प्रशासन अमावती कुतुबपुर और सारंगपुर गांव जमीन चयनित करके अधिग्रहण करने वाली है। किन गांव में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. जमीन अधिग्रहण के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है. प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है. औद्योगिक कल्याण के लिए दो गांव की जमीन अधिग्रहण करना बाकी था. इसके अलावा दो गांव की 94 फीसदी जमीन अधिग्रहण कर दी गई है.
औद्योगिक गलियारे का निर्माण
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया संबल तहसील के खिरनी मोइनुद्दीनपुर गांव के पास चल रही है. बता दे की खिरनी बसला के अतिरिक्त अमावती कुतुबपुर और सारंगपुर की लगभग 236.274 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित किया गया है. खिरनी मोइनुद्दीनपुर और बसला की 94 फीसदी जमीन पहले ही अधिग्रहण हो चुकी है. औद्योगिक गलियारे के लिए दोनों गांव में करीब 127.5336 हेक्टेयर जमीन का चयन किया गया था. निजी किसानों की 120 हेक्टेयर जमीन के अलावा 7.0223 हेक्टेयर जमीन ग्राम सभा की थी.
जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस
जिला भूमि कृषि समिति की बैठक में कई निर्देश दिए गए हैं. बैठक में निर्देश है कि अमरावती कोतुमपुर और सारंगपुर में अजमेर अधिग्रहण होने उसकी प्रक्रिया तेज की जाए। जमीन अधिग्रहण को देखकर परिसंपत्तियों का मूल्यांकन भी किया जाएगा. गांव में कुछ परिसंपत्तियां. इसी वजह से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी हुई है. अब इस प्रक्रिया को तेजी से शुरू करने पर जोर दिया गया है. किसानों को जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस पहले से ही जारी कर दिए गए हैं.
जमीन अधिग्रहण
1 - अमावती कुतुबपुर में 290 गाटों में कुल 80.9834 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई। किसानों की 73.9496 हेक्टेयर जमीन और इस के अलावा 7.0140 हेक्टेयर जमीन ग्राम सभा की की हैं।
2 - सारंगपुर गांव में 27.7570 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी हैं। किसानों से 26.6401 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी। ग्राम सभा की 8.1300 हेक्टेयर जमीन हैं।
3 - अब मंडल आयुक्त से दोनों गांवों की जमीन खरीदने की अनुमति ली गई है। शासन को इसकी अनुमति के लिए फाइल भेजी गई है। किसानों को संपत्ति का मूल्यांकन करने के बाद पैसा मिलेगा।