UP में 17 गांव की जमीन पर बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, निवेशकों का लगातार बढ़ता रुझान
UP News : ऊसर जमीन के उपयोग से पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए हरित उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी। भूमि सुधार और क्षेत्रीय विकास के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। इस क्षेत्र में सड़कों, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण तेजी से किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है कि क्षेत्र के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिले।

Uttar Pradesh News : योगी सरकार गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार क्षेत्र में उद्योगों की फसल लगाएगी। इसके लिए प्रस्तावित धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जिसका क्षेत्रफल 5500 एकड़ है, बनाया जा रहा है। गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार क्षेत्र की जमीन ऊसर या बंजर थी। योगी सरकार उद्योगों की फसल उगाएगी, जिस पर तिनका भी मुश्किल से उगता था। इसके लिए प्रस्तावित धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जिसका क्षेत्रफल 5500 एकड़ है, बनाया जा रहा है।
यह कॉरिडोर पूर्वांचल में सबसे बड़ा औद्योगिक जमीन बैंक होगा। सरकार इसे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित करने के लिए बड़े उद्यगों का संजाल बिछाना चाहती है। यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ा है और भविष्य में रेल कनेक्टिविटी भी मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को बनाने के लिए प्रक्रियात्मक कार्य को तेज कर दिया है।
17 गांवों में अभी तक 500 एकड़ जमीन
गीडा की तैयारी इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का पहला चरण जल्द ही लांच करने की है। पहले चरण में, सकरदेईया, हरपुर और काश्तकाशी नायक गांवों में लगभग 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जानी है। गीडा ने भी इसमें से पांच सौ एकड़ जमीन खरीद ली है। योगी सरकार ने ग्रेटर गीडा को धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया है, जो फसलों के माध्यम से सोना उत्पादित करता है और उद्योगों के माध्यम से रोजगार पैदा करता है। 17 गांवों में अभी तक 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई है।
17 गांवों की जमीन का अधिग्रहण
इस कॉरिडोर को बसाने के लिए जिन 17 गांवों में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा, वे परती पड़ी रहती हैं. यानी किसानों के लिए अनुपजाऊ. अब तक सिर्फ रकबे में गिनी जाने वाली ये जमीनें किसानों को भरपूर रकम दिलाकर मालामाल करेंगी. धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मास्टर प्लान, सीएम योगी के मार्गदर्शन में, पिछले सात सालों में देश-विदेश के कई निवेशकों का गोरखपुर की ओर रुझान देखते हुए, अब सिर्फ शासन से मंजूरी की जरूरत है। धुरियापार क्षेत्र में कुछ जमीन प्राकृतिक है। किसानों को केवल ऊसर जमीन मिल रही है। इससे उन्हें अनुपजाऊ जमीन का पूरा मूल्य मिलेगा और औद्योगिक विकास ऊसर जमीन पर रोजगार और सुख की फसल उगाएगा।
धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को 17 किलोमीटर (5500 एकड़) जमीन पर बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर को चरणबद्ध रूप से विकसित किया जाना चाहिए। मास्टर प्लान के अनुसार, कुल क्षेत्रफल का 32.04 प्रतिशत औद्योगिक, 19.39 प्रतिशत आवासीय, 6.51 प्रतिशत पीएसपी, 4.21 प्रतिशत व्यावसायिक, 15.70 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र, 2.32 प्रतिशत मिश्रित और 4.17 प्रतिशत परिवहन सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है।
उत्तर प्रदेश के लिए साबित होगी गेम चेंजर
धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है, गीडा के सीईओ अनुज मलिक ने बताया। 500 एकड़ जमीन अब तक अधिग्रहण की गई है, और प्राधिकरण लगातार बाकी जमीन के लिए काम कर रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर धुरियापार समेत पूरे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए एक वरदान साबित होगा जब यह पूरा हो जाएगा। सरकार पिछले सात साल में गोरखपुर की ओर कई विदेशी निवेशकों का रुझान देखते हुए धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है। यहां औद्योगिक विकास के साथ रोजगार की बहार भी बहेगी।
धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर रेलवे और सड़क कनेक्टिविटी के कारण उद्योगों के लिए काफी उपयुक्त साबित होगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे इस इलाके से जुड़ा है। यहां से सहजनवा से दोहरीघाट तक एक नई रेल लाइन भी गुजरेगी। ऐसे में बड़े उद्योगों को अलग से रेलवे साइडिंग भी मिलेगी। उद्योगों को कच्चा माल और तैयार उत्पाद भेजना बहुत आसान होगा।
10 हजार से अधिक लोगों को काम मिलेगा
योगी सरकार गोरखपुर के दक्षिणांचल के औद्योगिक विकास को लेकर बहुत चिंतित है। Indian Oil ने धुरियापार में बनने के बाद से बंद पड़ी चीनी मिल के कुछ हिस्से में कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाए हैं। इस प्लांट के निर्माण के बाद धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण होगा, जो इस क्षेत्र को बदल देगा। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कार्यरत उद्योगों से लगभग 10,000 से अधिक लोगों को काम मिलेगा।
गीडा के सीईओ अनुज मलिक ने बताया कि धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश प्रस्ताव आने लगे हैं। Adwani Group और JK Group ने इस कॉरिडोर में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए 65 और 50 एकड़ जमीन की मांग की है। इसके अलावा, कई अन्य औद्योगिक समूहों ने यहां निवेश करने में रुचि दिखाई है।