UP के इस जिले में 13 गांवों के जमीन पर बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, अधिग्रहण में आई तेजी
UP News : उत्तर प्रदेश में रोड क्रांति पिछले कुछ सालों में दुगनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है। प्रदेश में आपको चकाचक सड़के आवागमन करने को मिलेगी। इसी कड़ी में अब 13 गांवों की जमीन अधिग्रहण करके इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण पूरा होते ही निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
Uttar Pradesh News: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद क्षेत्र में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना ने गति पकड़ ली है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है, जिससे आने वाले समय में क्षेत्र में उद्योगों और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मुहम्मदाबाद तहसील के 13 गांवों में फैले लगभग एक हजार एकड़ भूमि क्षेत्र में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जाना है। अब तक इस कुल प्रस्तावित भूमि में से 369 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पूरी कर ली गई है, जबकि शेष 631 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण पूरा होते ही निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
भूमि अधिग्रहण के बाद तेज होगा निर्माण कार्य
गाजीपुर उद्योग विभाग के उपायुक्त प्रवीण मौर्य ने बताया कि जैसे ही शेष भूमि का अधिग्रहण पूरा होगा, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास से जुड़े निर्माण कार्य तेज़ी से शुरू कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना के अगले चरण में यहां औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के लिए प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को विकसित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के पास है। यूपीडा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से इस तरह के कॉरिडोर विकसित कर रहा है, ताकि सड़क और उद्योग के बीच बेहतर तालमेल बनाया जा सके।
पूर्वांचल के कारीगरों को मिलेगा स्थानीय रोजगार
विशेषज्ञों का मानना है कि वाराणसी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर गाजीपुर में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने से पूर्वांचल के कारीगरों और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे। वर्तमान में बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में दिल्ली, मुंबई, आगरा, सूरत, अहमदाबाद और बेंगलुरु जैसे महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने के बाद कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, लघु एवं मध्यम उद्योगों के साथ-साथ अन्य विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की संभावना है। इससे न केवल स्थानीय रोजगार बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।
कई जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का लाभ सिर्फ गाजीपुर तक सीमित नहीं रहेगा। इसके प्रभाव से वाराणसी, चंदौली, बलिया, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर सहित आसपास के जिलों को भी सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है। बेहतर सड़क और औद्योगिक कनेक्टिविटी से इन क्षेत्रों में निवेश का माहौल तैयार होगा और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
किसानों को मिल रहा मुआवजा
प्रशासन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जमीन देने वाले किसानों को सरकारी मानकों के अनुसार मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी तरीके से अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, ताकि किसी तरह का विवाद न उत्पन्न हो।
औद्योगिक भविष्य की ओर पूर्वांचल
कुल मिलाकर, मुहम्मदाबाद में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को पूर्वांचल के औद्योगिक भविष्य की नींव के रूप में देखा जा रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, संगठित औद्योगिक ढांचा और सरकारी समर्थन के चलते यह परियोजना आने वाले वर्षों में हजारों रोजगार अवसरों के साथ क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है।
