राजस्थान में जयपुर-किशनगढ़ हाईवे होगा जाम फ्री, 2 बड़े प्लान तैयार
Jaipur News: एनएचएआई की राजस्थान इकाई ने जयपुर-किशनगढ़ छह लेन हाईवे के विस्तार और सुधार की योजना बनाई है। ट्रैफिक सर्वे में पाया कि यह सड़क वर्तमान में ट्रैफिक का दबाव नहीं सह सकती है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग को बढ़ाने का फैसला किया गया है क्योंकि इसमें अधिक ट्रैफिक आता है।

The Chopal : NHAI राजस्थान इकाई ने जयपुर-किशनगढ़ छह लेन हाईवे पर चल रहे ट्रैफिक सर्वे में पाया कि यह सड़क वर्तमान में ट्रैफिक का दबाव नहीं सह सकती है। किशनगढ़ से जयपुर छह लेन नेशनल हाईवे पर जाम अब होने लगा है। NHAI राजस्थान इकाई ने जयपुर-किशनगढ़ छह लेन हाईवे पर चल रहे ट्रैफिक सर्वे में पाया कि यह सड़क वर्तमान में ट्रैफिक का दबाव नहीं सह सकती है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग को बढ़ाने का फैसला किया गया है क्योंकि इसमें अधिक ट्रैफिक आता है।
NHAI कई प्रस्ताव बना रही है जो वर्तमान हाईवे और स्थानीय ट्रैफिक को ध्यान में रखते हैं। NHAI के दिल्ली मुख्यालय को ये प्रस्ताव जल्द ही भेजे जाएंगे। इस सड़क के विस्तार का काम वहां से शुरू होगा जब प्रस्ताव मंजूर हो जाएगा। 24 घंटे में जयपुर से किशनगढ़ के बीच लगभग 1 लाख कारों का ट्रैफिक चलता है। तकनीकी भाषा में इसे पैसेंजर कार यूनिट कहते हैं। भारत में राष्ट्रीय सड़कों को बनाने के लिए अलग-अलग नियम हैं।
जिस सड़क पर 60 हजार से एक लाख पैसेंजर कार यूनिट का ट्रैफिक होता है कम से कम आठ लेन की सड़क होनी चाहिए। इस तरह की सड़कों पर ही गाड़ी निर्बाध रूप से चल सकती है। इसलिए वर्तमान छह लेन सड़क का विस्तार किया जाएगा।
एक अलग राष्ट्रीय राजमार्ग की डीपीआर भी बन रही है
NHAI भी एक और राष्ट्रीय राजमार्ग की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बना रही है। यह नेशनल हाईवे बालावाला, जो जयपुर रिंग रोड के पास है, से शुरू होकर किशनगढ़, अजमेर, जोधपुर और पचपदरा तक चलेगा। यह बहुत तेज कोरिडोर होगा। इसकी दूरी 350 किमीटर है। यह कोरिडोर पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से शुरू होना था, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर जयपुर से शुरू करने का फैसला किया गया है।
ये प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं
पहला सुझाव: छह लेन रेलवे: जयपुर से किशनगढ़ के बीच 93 किलोमीटर का नियंत्रित राजमार्ग बनाया जाएगा। जयपुर से किशनगढ़ तक एक अलग सेवामार्ग भी बनाया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को सुविधा मिलेगी। ऐसा होने से ट्रैफिक जाम नहीं होगा।
दूसरा सुझाव: आठ लेन की राजमार्ग: इस प्रस्ताव के तहत वर्तमान दबाव इसलिए राजमार्ग को छह से आठ लेन कर दिया जाएगा। स्थानीय परिवहन के लिए अलग-अलग सेवामार्ग बनाए जाएंगे। ऐसा होने से जयपुर से किशनगढ़ के बीच ट्रैफिक स्वतंत्र रूप से चल सकेगा।