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मजदूर ने 200 रूपए का इन्वेस्टमेंट किया, सिर्फ 4 महीने में बन गया करोड़ों रूपए का मालिक

Panna Diamond News : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले मैं एक मजदूर की किस्मत रातों-रात पलट गई। मजदूर ने 200 रूपए इन्वेस्टमेंट की थी इसके चार महीने बाद वह रात तो रात करोड़पति बन गया। 

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मजदूर ने 200 रूपए का इन्वेस्टमेंट किया, सिर्फ 4 महीने में बन गया करोड़ों रूपए का मालिक

Panna Diamond Auction News : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले मैं एक मजदूर की किस्मत रातों-रात पलट गई। मजदूर ने 200 रूपए इन्वेस्टमेंट की थी इसके चार महीने बाद वह रात तो रात करोड़पति बन गया। दरअसल पन्ना जिले के मजदूर स्वामीदीनपाल ने 200 में पन्ना हीरा कार्यालय से 8 बाई 8 की जगह लीज पर ली थी। इस जगह पर मजदूर हीरे की खोज में अपने साथियों के साथ लगातार खुदाई में लगा हुआ था।

दरअसल चार महीने 12 दिन की मेहनत के बाद आखिरकार स्वामी दिन की मेहनत रंग लाई। उसे जाम क्वालिटी का शानदार हीरा मिल गया। स्वामी दिन ने बताया कि जिस दिन उन्हें खदान से हीरा मिला उस दिन उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उन्होंने बताया कि उसे दिन उनकी किस्मत बदल गई। स्वामी दिन ने हीरे को हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है, जहां उसकी अनुमानित कीमत दो से ढाई करोड़ अंकित जा रही है।

मध्य प्रदेश की हीरो की नगरी पन्ना में तीन दिवसीय उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरों की नीलामी के आज अंतिम दिन भी बम्पर हीरों की नीलामी हुई। मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा 32 कैरेट 80 सेंट का जेम्स क्वालिटी का हीरा जो सरकोहा में स्वामीदीन पाल नामक मजदूर को मिला था। वह 6 लाख 76 हजार रुपये प्रति कैरेट के हिसाब से 2 करोड़ 21 लाख 72 हजार रुपये का बिका जिसे पन्ना के ही व्यापारी सतेंद्र जड़िया ने खरीदा। स्‍वामीदीन ने कहा कि इससे जो धन मिलेगा, उससे मैं अपने बच्‍चों के लिए घर और खेती की जमीन खरीदूंगा।

हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि नीलामी के अंतिम दिन 22 ट्रे के माध्यम से 25 नग हीरा नीलामी के लिए हीरे रखे गये थे। वही इसमें मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा 32 कैरेट 80 सेंट का हीरा भी नीलाम हुआ है। तीन दिन चली हीरा नीलामी में पन्ना सहित सूरत, गुजरात, राजस्थान आदि जगहों से व्यापारी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि इस बार व्यापारियों में नीलामी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। वही स्वामीदीन पाल ने बताया कि उनके लिए यह पल किसी सपने से कम नहीं है। आज उनका हीरा करोड़ो में बिका है जो उन्हें बड़ी मेहनत के बाद मिला था। उन्होंने बताया कि अब जो पैसे मिलेंगे उनसे वह अपना और अपने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करने में लगाएंगे।

मेरे बच्‍चे बेघर हैं, उनके पास खेत भी नहीं

मजदूर स्‍वामीदीन पाल ने बेहद खुश होते हुए कहा है कि बस, भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं। मैंने और पूरे परिवार ने बहुत कष्‍ट में दिन बिताए हैं। हमने बहुत मेहनत की और गरीबी में दिन काटे हैं। यह हीरा मेरे ही खेत से निकला है और इससे मिलने वाली रकम से मैं अपने बच्‍चों के लिए घर और खेत खरीदूंगा। यह सब एक सपना जैसे है। मैंने सोचा तो था, लेकिन अब मुझे भरोसा नहीं हो रहा है। यहां जो मेरे पास थोड़ी सी जमीन है, उस पर भी खेती करता रहूंगा।