UP में 39 गांवों से जमीन अधिग्रहण कर 4775 करोड़ से बनेगा नया एक्सप्रेसवे, 5 साल कंपनी करेगी रखरखाव

UP News: प्रदेश सरकार, खासकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े स्तर पर निवेश कर रही है। इसके चलते राज्य देशभर में रोड कनेक्टिविटी और एक्सप्रेसवे नेटवर्क के मामले में अग्रणी बन गया है। इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के दो बड़े एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ना है – जिससे क्षेत्रीय और अंतर-राज्यीय ट्रैफिक का लोड कम हो और आवाजाही सुगम हो सके।

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UP में 39 गांवों से जमीन अधिग्रहण कर 4775 करोड़ से बनेगा नया एक्सप्रेसवे, 5 साल कंपनी करेगी रखरखाव

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर योगी सरकार काफी ज्यादा खर्च कर रही है. इसी खर्च का नतीजा है कि प्रदेश का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर देश में अव्वल नंबर पर आता है. उत्तर प्रदेश के इन जिलों के दो एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए 39 गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाएगा. मौजूदा समय में इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 6 लेन में किया जाएगा लेकिन भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक लोड के बाद इसे 8 लेन का भी किया जा सकेगा.

कई जिलो को मिलेगा फायदा 

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए आगरा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा।  छह लेन की इस राजमार्ग से लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर को लाभ मिलेगा।  यूपीडा के प्रस्ताव में एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) की स्थापना भी शामिल है, जिससे एक्सप्रेसवे पर यातायात व्यवस्था को आसान बनाया जा सके। 

उत्तर प्रदेश की सड़क यातायात व्यवस्था बहुत जल्द बदल जाएगी।  जल्द ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का सीधा कनेक्ट होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे अब लखनऊ से कानपुर को सीधे जोड़ सकेगा। प्रदेश सरकार ने ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए मंजूरी दी है।

39 गांवों को 597 हेक्टेयर जमीन मिली

यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, लेकिन भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक के साथ यह आठ लेन भी हो सकता है।  इसके लिए 39 गांवों से 597 हेक्टेयर जमीन मिलेगी।  एक्सप्रेसवे बनने के बाद निजी कंपनी पांच साल तक इसका संचालन करेगी। यह आगरा-लखनऊ राजमार्ग के पहले टोल (महुरा कला) से सीधे पूर्वांचल राजमार्ग के पहले टोल से जुड़ जाएगा।  इसकी कुल लंबाई 49.960 मीटर होगी।यहां वाहनों की गति 120 km/h होगी।

छह फ्लाईओवर और पांच इंटरचेंजेज 

एक्सप्रेसवे पर दो बड़े सेतु,  छोटे सेतु,  रेलवे ओवरब्रिज, छह फ्लाईओवर और पांच इंटरचेंजेज बनाए जाएंगे। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर दोनों ओर सात मीटर चौड़ाई का सर्विस रोड बनाया जाना है जो आगरा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ता है। 

किसको लाभ होगा?

लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर इससे सबसे अधिक लाभ उठाएंगे।  लखनऊ में यह राजमार्ग आदमपुर, इरखरा, सकाभवई, लुहस बंथरा, सिकंदपुर, कुरैनी, भगदुमपुर, काशी जैतीखेड़ा, परवर, पश्चिम परवर, उल्लासखेड़ा, खुजहा, बरकत नगर, किथौली और कलपहास से होकर गुजरेगा।  

लखनऊ 

अब तक, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे या प्रयागराज-कानपुर हाईवे की ओर जाना चाहने वाले लोगों को लखनऊ से होकर निकलना पड़ता था। इससे समय भी लगता था और शहर का ट्रैफिक भी जाम रहता हैं। नए लिंक एक्सप्रेसवे यह बाधा पूरी तरह दूर करेगा। जमीन अधिग्रहण और लिंक एक्सप्रेसवे बनाने में कम से कम तीन वर्ष का समय लग सकता है।