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राजस्थान में जमीन जमाबंदी आधार कार्ड से होगी लिंक, अब नहीं हो पाएगी फर्जी खरीद-बिक्री

Rajasthan News : खेती की जमीन को फर्जीवाड़े से बचाने और फर्जी नामांतरण को रोकने के लिए सरकार एक सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। यह कदम न केवल किसानों की जमीन की सुरक्षा करेगा, बल्कि भूमि विवादों और धोखाधड़ी के मामलों को भी कम करेगा।

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राजस्थान में जमीन जमाबंदी आधार कार्ड से होगी लिंक, अब नहीं हो पाएगी फर्जी खरीद-बिक्री

Rajasthan Jamabandi News : सरकार अगले वर्ष से खेती की जमीन को फर्जीवाड़े से बेचने और फर्जी नामांतरण पर रोक लगाने के लिए कुछ नया करने पर विचार कर रही है। नए वर्ष से कृषि भूमि जमाबंदी को आधार से जोड़ा जाएगा। अब से तैयारियां शुरू हो गई हैं। पटवारियों को पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद, आधार की तरह खेत की जमीन की एक वैश्विक जमीन आईडी बनाई जाएगी, जिसमें उस व्यक्ति की अचल संपत्ति का पूरा विवरण होगा। नए साल से कृषि भूमि की जमाबंदी को आधार से लिंक किया जाएगा। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई है।

लिंक करने के लिए किसान को आधार, मोबाइल नंबर, जमाबंदी की नकल और अन्य दस्तावेज देने होंगे। इसके लिए अलग-अलग कैम्प बनाए जाएंगे। शिविर में चल रहे कामों की भी सूचना मिलने लगी है। विस्तृत गाइड लाइन अभी जारी नहीं की गई है।  यह अगले वर्ष जारी हो सकती है।

यह लाभदायक होगा

आधार को जमाबंदी से लिंक करने से फर्जी बेचान रोक दी जाएगी।
जमीन का असली मालिक आसानी से पता लगाया जा सकता है।
जमीन आसानी से स्थानांतरित हो जाएगी।
कारण यह है कि मोबाइल नंबर पहले से आधार से लिंक्ड है, इसलिए जमीन पर होने वाली सभी गतिविधियों की जानकारी मोबाइल नंबर पर होगी।
आपको एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी अगर जमीन में कोई बदलाव होता है।
भूमि का भुगतान कोई दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकेगा।

यह एक चुनौती होगी

जमाबंदी को आधार कार्ड से जोड़ने में कई महत्वपूर्ण चुनौती भी होंगी। राज्य में हजारों गांवों में ऐसी जमीन मिल जाएगी जिसका मालिक कई वर्ष पहले मर चुका है। स्थिति ऐसी है कि जमीन परदादा का नाम है। दादा भी मर गया। ऐसे में उनका आधार और जनाधार ही नहीं बन गया था। ऐसे मामलों में मुश्किल हो सकती है।

दूसरा व्यक्ति मुआवजा नहीं उठा सकता

जब सरकार जमीन खरीदती है, तो मुआवजा देने से पहले जमाबंदी को जनाधार से जोड़ने लगी है। इसका लाभ यह होना लगा है कि कोई दूसरा व्यक्ति मुआवजा नहीं उठा सकता। धन सीधे खाते में जाता है।

लिंक करने के बहुत से लाभ होंगे

जमाबंदी को आधार से लिंक करने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आ गया है। पटवारियों को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद, आगे दी गई गाइडलाइनों का पालन किया जाएगा। इससे लाभ होगा।

नामांतरण गांवों में नहीं होता

आजादी के बाद बहुत सी सरकारें आईं। बहुत से कानून बनें। उपनियम और नियम बन गए। लेकिन किसी ने जमीन के नामांतरण और बंटवारे की बहुत जटिल प्रक्रिया को आसान और सरल बनाने पर खास ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि भूमि अभी भी दादा-परदादा के नाम से जानी जाती है। जमीन के बंटवारे पर गंभीर अपराध तक हो रहे हैं।
 

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