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land occupied : अगर आपकी प्रॉपर्टी पर हो गया कब्जा, कानूनी मदद से हो जाएगा खाली

Property Knowledge : आजकल जमीन या मकान पर कब्जा करने के मामलों में काफी वृद्धि हो रही है। इस स्थिति में अक्सर झगड़े और विवाद (property disputes) उत्पन्न होते हैं, लेकिन आपको इन विवादों में पड़ने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आप कानून की मदद से राहत प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको कई कानूनी जानकारियों का होना आवश्यक है। 

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land occupied : अगर आपकी प्रॉपर्टी पर हो गया कब्जा, कानूनी मदद से हो जाएगा खाली 

The Chopal, Property Knowledge : प्रॉपर्टी में निवेश को सुरक्षित और अच्छे रिटर्न वाला माना जाता है, लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई अन्य व्यक्ति उस पर कब्जा या अतिक्रमण कर लेता है। जब प्रॉपर्टी पर कब्जा होता है, तो असली मालिक के लिए समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं, लेकिन आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। 

आप कानून की मदद से इस समस्या को हल कर सकते हैं। कानून में कब्जा हटाने के लिए विशेष प्रावधान मौजूद हैं। आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें। 

भूमि या प्रॉपर्टी पर कब्जे का अर्थ समझें 

कई लोगों को यह स्पष्ट नहीं होता कि भूमि अतिक्रमण या भूमि पर कब्जा क्या होता है। भूमि पर कब्जा वैध और अवैध दोनों तरीकों से हो सकता है। इसके अलावा, भूमि पर अतिक्रमण भी किया जा सकता है। कई बार खाली प्लॉट पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा करना अवैध होता है। 

वैध कब्जा असली मालिक की ओर से प्रॉपर्टी के कागजात पूरे करके और राशि का भुगतान करने के बाद रजिस्ट्री के माध्यम से पुराने मालिक से लिया जाता है। वहीं, अतिक्रमण गैर-कानूनी तरीके से किसी और की प्रॉपर्टी पर अस्थायी निर्माण करके किया जाता है। 

कब्जा करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान - 

किसी अन्य की प्रॉपर्टी पर अतिक्रमण या कब्जा (property Encroachment) अपराध की श्रेणी में आता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 441 अतिक्रमण से संबंधित मामलों में लागू होती है। गलत नीयत से जमीन या मकान पर कब्जा (action on property possession) करने पर धारा 447 के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है, इसके अलावा 3 महीने की जेल भी हो सकती है। 

शिकायत 

यदि किसी संपत्ति के मालिक की भूमि पर कोई अवैध कब्जा कर ले, तो संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी जा सकती है। इसके बाद मामला दर्ज कराया जा सकता है। कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद, कोर्ट द्वारा कार्रवाई की जाती है और अतिक्रमण पर रोक लगाई जाती है। इसके अतिरिक्त, कोर्ट अतिक्रमणकारी को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश भी दे सकती है। 

ऐसे तय की जाती है मुआवजा राशि- 

अतिक्रमण की शिकायत पर मुआवजे की राशि जमीन की कीमत के आधार पर कोर्ट द्वारा निर्धारित की जाती है। अवैध कब्जे या अतिक्रमण के दौरान प्रॉपर्टी मालिक की संपत्ति (property news) को नुकसान पहुंचाने पर ऑर्डर 39 के नियम 1, 2 और 3 के तहत हर्जाने का दावा किया जा सकता है। 

इस तरह भी निपटाया जाएगा केस 

भूमि पर अतिक्रमण या कब्जे के विवाद को आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है। किसी व्यक्ति की मध्यस्थता, भूमि का विभाजन, या संपत्ति को बेचकर या किराए पर देकर भी समाधान प्राप्त किया जा सकता है।