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Uttarakhand में 20 प्रतिशत महंगी हो सकती है जमीनें, 4 जिलों में बढ़ा सर्किल रेट

Uttarakhand Land Prices : आज के समय में लोगों का रुझान इन्वेस्टमेंट की तरफ ज्यादा बड़ा है। जमीनों में इन्वेस्ट करना सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। उत्तराखंड में जमीन खरीदने व बेचने वालों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। उत्तराखंड में जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। 

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Uttarakhand में 20 प्रतिशत महंगी हो सकती है जमीनें, 4 जिलों में बढ़ा सर्किल रेट

Property Transactions : उत्तराखंड में जमीन की कीमतें 15 से 20 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। नए सर्किल दरों को लागू करने की योजना बनाई जा रही है। सर्किल रेट देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में बहुत अधिक बढ़ाए गए हैं। 2832 क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ग मीटर भूमि के लिए व्यक्ति को 100 से 300 प्रतिशत अधिक कीमत देनी पड़ी। सर्किल रेट राज्य में बढ़ाना प्रस्तावित है। कोरोना संकट के दौरान लगभग तीन साल तक जमीन की कीमत नहीं बढ़ी। गत वर्ष सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाए थे। सर्किल रेट में तीन वर्षों की औसत वृद्धि का औसत 33.6 प्रतिशत था।

नए सर्किल दरों को लागू करने की योजना

प्रदेश में जमीन की कीमत औसतन 15 से 20 फीसदी बढ़ सकती है। नए सर्किल दरों को लागू करने की योजना बनाई जा रही है। शासन ने इस संबंध में जिलों से प्राप्त सुझावों को और अधिक व्यावहारिक और वस्तुनिष्ठ बनाने के लिए कहा है। सर्किल रेट संशोधन प्रस्ताव अगले पखवाड़े के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रदेश में इसे लागू करने का फैसला मंत्रिमंडल करेगा। 2832 क्षेत्रों में भूमि खरीदने के लिए 100 से 300 फीसदी तक ज्यादा कीमत देनी होगी प्रति वर्ग मीटर चुकनी होगी। मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में सर्किल रेट बहुत अधिक बढ़ाया गया है। 2832 क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ग मीटर भूमि के लिए व्यक्ति को 100 से 300 प्रतिशत अधिक कीमत देनी पड़ी।

सर्किल दर हर साल बढ़ाई जाएगी

सर्किल रेट नए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, केंद्रीय और राज्य की बड़ी परियोजना स्थलों और तेजी से विकसित हो रहे नए आवासीय कालोनी क्षेत्रों में बढ़ा गए। पर्वतीय जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर कम रही है। 2015 की उत्तराखंड स्टांप (संपत्ति मूल्यांकन) नियमावली के अनुसार, सर्किल दर हर साल बढ़ाई जाएगी। सर्किल रेट को इस वर्ष बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। सर्किल रेट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव स्टांप और निबंधन विभाग को भेजे गए।

स्टांप और निबंधन महानिदेशक इन सर्किल दरों की जांच कर रहे हैं। अब तक, महानिरीक्षक के स्तर पर कई बैठकें हुई हैं। शासन स्तर पर इस संबंध में हुई बैठक में जिलों के प्रस्तावों में कमियां सामने आईं। शासन ने इन कमियों को एक पखवाड़े के भीतर दूर करने का आदेश दिया है। प्रदेश में भूमि के सर्किल रेट में वृद्धि की गई है, चाहे कृषि हो या अकृषि। आवासीय कालोनियां शहरी क्षेत्रों से सटे अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में तेजी से विकसित हो रही हैं। इन क्षेत्रों पर शासन का ध्यान है। सर्किल रेट में वृद्धि को गत वर्ष बहुत अधिक बताया गया था।

यह हमेशा कहा गया था कि इससे जमीन की खरीद-बिक्री और राजस्व आय पर प्रभाव पड़ेगा। अलग बात यह है कि यह अंदेशा धरा गया है। स्टांप और निबंधन से सरकारी आय काफी बढ़ी है। स्टांप और निबंधन से वर्ष 2022-23 की तुलना में आय 435 करोड़ अधिक हुई। यह खर्च चाल वित्तीय वर्ष में भी अधिक होने का अनुमान है। सर्किल रेट में इस वर्ष भी वृद्धि की योजना है, जैसा कि वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया। जिलों से मिले प्रस्तावों में कुछ कमियां थीं। विभिन्न क्षेत्रों में सर्किल दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव जिलों को तर्कसंगत बनाने के लिए कहा गया है। इस प्रस्ताव को अगले पखवाड़े तक अंतिम रूप देने को कहा गया है। सरकार निर्णय लेगी कि सर्किल रेट कितना बढ़ेगा। मंत्रिमंडल इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से सुनेंगे।