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UP के इस जिले में जमीन की रजिस्ट्री पर लगी रोक, बैनामे के समय फर्जीवाड़ा पकड़ना मुश्किल

UP News : उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सीलिंग की जमीन का बैनामा अब जालसाजी नहीं होगी।  शहरी क्षेत्रों में सीलिंग की जमीन का बैनामा अब जालसाज नहीं होगा। पढ़ें पूरी खबर 

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UP के इस जिले में जमीन की रजिस्ट्री पर लगी रोक, बैनामे के समय फर्जीवाड़ा पकड़ना मुश्किल

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सीलिंग की जमीन का बैनामा अब जालसाजी नहीं होगी। प्रशासन ने कठोर रोक लगाने का नया नियम बनाया है। उप निबंधन कार्यालय को पच्चीस मोहल्लों की सूची दी गई है। इन मोहल्लों की चिह्नित करीब 31 हजार 600 हेक्टेयर जमीन के बैनामे को जीडीए से अनापत्ति सर्टिफिकेट (एनओसी) प्राप्त करना अनिवार्य है।

शहरी क्षेत्र में सीलिंग की जमीन बेचने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सीलिंग और काश्तकार की जमीन एक ही खाता और अराजी में होने से बैनामे के समय फर्जीवाड़ा पकड़ना मुश्किल होता है। सीलिंग ज़मीन खरीदने वालों का जीवन भर का जुटाया हुआ पैसा भी डूब जाता है।

यह देखते हुए, प्रशासन ने शहर के सभी सीलिंग क्षेत्रों का अभिलेख बनाया है। जीडीए को भी इसकी प्रतिलिपि दी गई है। डीएम कृष्णा करुणेश ने उप निबंधक सदर प्रथम को पत्र लिखकर सीलिंग की जमीनों और उनके रखरखाव का हवाला देते हुए कहा कि एनओसी जीडीए से मिलने के बाद ही बैनामा करना चाहिए।

57 मोहल्लों की सूची में सबसे अधिक जमीन बहरामपुर, डोमिनगढ़, रामपुर नया गांव, जंगलतुलसी राम और महादेव झारखंडी क्षेत्र की है। डीएएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि जीडीए ने सीलिंग क्षेत्र बनाया है। ऐसी जमीन के विक्रय में कोई व्यवधान नहीं होगा। सीलिंग की जमीन बेचने की कोशिश करने वाले गिरफ्तार हो जाएंगे। 57 मोहल्लों की जमीन का ब्यौरा निबंधन कार्यालय को भेजा गया है।

एनओसी के पहले इन बिंदुओं की होगी पड़ताल

खाता संख्या और अराजी नंबर प्रशासन की सूची का आधार हैं। एक खाता में कुछ जमीन सीलिंग और काश्तकार की है। ऐसे में बैनामे का समय पता लगाना मुश्किल है। 57 मोहल्लों में जो जमीनें अब चिह्नित हैं, उनमें से किसी काश्तकार को एनओसी के लिए जीडीए में आवेदन करना होगा।

जीडीए जांच करेगा कि विक्रय के लिए जो आवेदन है, वह विकास के लिए सीलिंग की जमीन को नियंत्रित करने वाली है या नहीं। नक्शा-नजरी से जांच कराने के बाद NOC जारी करेगा। इसमें स्पष्ट किया जाएगा कि काश्तकार कितनी और कहां की है। AIGP प्रदीप राणा ने बताया कि DM का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र की जमीन की सूची प्रशासन ने दी है, अब जीडीए से एनओसी की आवश्यकता होगी।

इन मोहल्लों की हैं जमीनें

दीवान बाजार, सिधारीपुर, नथमलपुर, भरपुरवा, हुमांयूपुर, बशारतपुर, लच्छीपुर, तकिया कवलदाह, मोहम्मद चक, निजामपुर, इलाहीबाग, हेवा एहतमाली, महुईसुघरपुर, भरवलिया बुजुर्ग, चिलमापुर, शेरगढ़, सिविल लाइन,  जंगल मातादीन, मोहनलालपुर, दरिया चक, पट्टन, रामपुर नया गांव, रूस्तमपुर, मिर्जापुर बेतियाहाता, मोधापुर, हांसूपुर एहतमाली, बसंतपुर एहतमाली-खास, दाउदपुर, मुंडेही चक, मिर्जापुर, मोहद्दीपुर, महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक, दो व तीन, जंगल तुलसीराम, जंगल सालिकराम, जंगल शिवपुर उर्फ सहबाजगंज, गोपलापुर, चकरा अव्वल, मनहट, रामगढ़ताल, जंगल हकीम नंबर एक व दो, शाहपुर, महेवा मुस्तकिल, म पुराना गोरखपुर, घोसीपुर, डोमिनगढ़ मुस्तकिल, डोमिनगढ़ एहतमाली, विलंदपुर, जंगल हरिभजन, चक्सा हुसैन, रसूलपुर, जटेपुर, तुर्कमानपुर, बहरामपुर एहतमाली, सिउरिया।