The Chopal

UP में नई रेल लाइन बिछाने के लिए 11 गांवों से होगी जमीन अधिग्रहण, प्रक्रिया हुई शुरू

UP News : उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के लोगों के लिए यह एक बड़ी सौगात है। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से इस इलाके में नई रेलवे लाइन परियोजना तेज़ी से आगे बढ़ रही है, और अब यह भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

   Follow Us On   follow Us on
UP में नई रेल लाइन बिछाने के लिए 11 गांवों से होगी जमीन अधिग्रहण, प्रक्रिया हुई शुरू

Uttar Pradesh News : आनंदनगर वाया महराजगंज नई रेलवे लाइन के निर्माण के लिए 38 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है। इसमें से 29 गांव में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है और मुआवजा देने का काम चल रहा है। अधिग्रहीत जमीन का 72.15 प्रतिशत मुआवजा भुगतान किया गया है। सर्वे के बाद नौ गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दे की 57 गांवों से गुजरने वाली नई रेलवे लाइन जिला मुख्यालय को रेलवे नेटवर्क से जोड़ेगी। इसमें से 45 गांवों का अधिग्रहण महराजगंज जनपद के उपभूमि अध्याप्ति विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा गोरखपुर ने बारह गांवों में जमीन दे दी है। महराजगंज जिले के 57 में से 29 गांवों में अभी तक जमीन अधिग्रहण की गई है। नौ गांवों (रूद्रापुर, रूधौली भावचक, पकड़ी नौनिया, रम्हौली, कांध) का सर्वे पूरा हो चुका है। अब केवल सात गाँवों का सर्वे किया गया है। नौ गांव में सर्वे के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।

आनंदनगर-महराजगंज-घुघली प्रस्तावित रेल मार्ग के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। 11 गांव में अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे पहले 29 गांव में जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। रेल मार्ग के दायरे में अतिरिक्त जमीनें आ रही हैं। इसे देखते हुए प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

अतिरिक्त ग्यारह गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले में प्रस्तावित नई रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है। घुघली से महराजगंज-आनंदनगर तक 52.70 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक बनाने की योजना है। इसके लिए कुल 57 गांवों से 194 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होनी हैं। परियोजना के पहले चरण में, सदर तहसील क्षेत्र के 29 गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रेलवे लाइन बिछाने के लिए कई जगहों पर पहले अधिग्रहीत भूमि के अतिरिक्त कुछ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता होती है। भूमि अध्याप्ति विभाग और रेलवे विभाग ने फिर से इसकी जांच की। नए विश्लेषण से पता चला कि परियोजना के लिए अतिरिक्त ग्यारह गांवों की जमीन भी आवश्यक है। इसके लिए काम शुरू हो गया है। नौ अन्य गांवों में पहले से ही दूसरे चरण में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें प्रभावित किसानों के गाटा, रकबा और क्षेत्रफल का मिलान किया जा रहा है।

चार गांवों में पूरा मुआवजा भुगतान हो चुका है

नई रेलवे लाइन के लिए 29 गांवों में से 3897 किसानों से  98.9394 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण हो चुका है। उसकी जगह 4 अरब 34 करोड़ 5 लाख 25 हजार 699 रुपये का मुआवजा भुगतान किया जाना चाहिए। इसमें से 3 अरब 13 करोड़ 17 लाख 89 हजार 18 रूपये मुआवजा दिया गया है। 1 अरब 20 करोड़ 87 लाख 36 हजार 681 रूपये मुआवजा भुगतान के लिए बाकी हैं।

हरपुर, जोगिया, घघरूआ खड़ेसर और पिपरा मुंडेरी में अधिग्रहीत जमीन का पूरा मुआवजा भुगतान किया गया है। 10 गांवों में 90.14 प्रतिशत से 99.79 प्रतिशत मुआवजा दिया गया है। मुजहना खुर्द में मुआवजा का केवल 19.69% और पिपरदेउरवा में केवल 3.77 % भुगतान हो पाया है।

रेलवे ट्रैक के आसपास अतिरिक्त जमीन मिल रही है। इसके बाद प्रक्रिया पूरी की जाती है। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को उचित क्षतिपूर्ति दी जाएगी। पहले चरण में 105 करोड़ रुपये का मुआवजा 444 किसानों को दिया गया था। इन ग्यारह गांवों के प्रभावित किसानों को अब मुआवजा भी मिलेगा। जिससे वे नए अवसरों का लाभ उठा सकें और उनकी आजीविका प्रभावित न हो। रेलवे क्षेत्र में चार डिस्मिल जमीन मिली है। कम भुगतान। जमीन की बाजार कीमत मिलनी चाहिए। कृषि जमीन का भुगतान किया जा रहा है। यह योग्य नहीं है। नई रेल लाइन बनाने के लिए शहर में जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है।

11 और गांवों से जमीन ली जाएगी

इसके लिए 11और गांवों से जमीन ली जाएगी। इसके लिए सम्मानित किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी की जाती है। रेलवे क्षेत्र में 25 डिस्मिल जमीन है। दूसरी जगह पर चालिस डिस्मिल और घर भी शामिल हैं। मुआवजा देने में पारदर्शिता नहीं दिखती। जबकि जमीन नगर क्षेत्र में है, मकान का मुआवजा कृषि दर से देने की बात कही जा रही है। रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए कुछ स्थानों पर आंशिक भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। घुघली खुर्द में 0.5255 हेक्टेयर, घघरुआ खड़ेसर में 0.5039 हेक्टेयर, रामपुर बल्डिहा में 1.3250 हेक्टेयर, मटकोपा में 0.1957 हेक्टेयर, बरवा चमैनिया में 1.5207 हेक्टेयर, पिपरा मुंडेरी में 1.4256 हेक्टेयर, पिपराइच उर्फ पचरुखिया में 1.4356 हेक्टेयर, हरपुर में 0.1582 हेक्टेयर, विशुनपुर गबडुआ में 1.8051 हेक्टेयर, धरमपुर में 1.6456 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जाएंगी और  इसके लिए कार्रवाई जारी है। दूसरी ओर, परियोजना के दूसरे चरण में शामिल नौ नए गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन गांवों में किसानों की जमीन का सर्वे कराया जा रहा है जो प्रभावित हुए हैं। इसमें खेतों का रकबा और गाटा क्षेत्रफल बताया जाता है। किसानों से सर्वे के बाद भूमि स्वामित्व का प्रमाणपत्र, खतौनी, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगे जाएंगे।

News Hub