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UP में एक्सप्रेसवे के किनारों पर सोलर प्लांट लगाने के लिए सस्ती दरों पर मिलेगी जमीन

UP News : सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य उत्तर प्रदेश में अब एक्सप्रेसवे किनारे बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा। प्रदेश की जनता को यातायात व्यवस्था अच्छी मिलने के साथ-साथ सस्ती बिजली देना भी सरकार का बड़ा मकसद है। देश में अब एक्सप्रेस वे किनारे सोलर प्लांट लगाने के लिए 2550 करोड रुपए का बड़ा निवेश होने वाला है। 

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UP में एक्सप्रेसवे के किनारों पर सोलर प्लांट लगाने के लिए सस्ती दरों पर मिलेगी जमीन

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में यातायात कनेक्टिविटी सुधारने को लेकर योग की सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं। पहले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश का नक्शा ही बदला हुआ नजर आ रहा है। आपको प्रदेश के हर कोने में एक्सप्रेस वे और हाईवे के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर के बहुत सारे प्रोजेक्ट पर काम करता हुआ दिख जाएगा।  उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सूबे का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस वे किनारे सोलर पार्क विकसित करने के कार्य का आगाज बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से होने वाला है। निवेशकों को सरकार की तरफ से बड़ी राहत दी गई है।

सस्ती जमीन देने पर सहमति बनी 

उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर पार्क बनाया जाएगा। यह प्रदेश का पहला पहला सोलर एक्सप्रेसवे होगा। इसके लिए सरकार ने निवेशकों को लीज पर सस्ती जमीन देने पर सहमति बनाई है। 50 से 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा इस क्षेत्र में उत्पादित होगी। औद्योगिक विकास विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव बनाया है। इसी महीने कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी जाएगी।

450 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन होगा 

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने निवेशकों की मांग को देखते हुए यहां जमीन सस्ती देने का फैसला किया है। यहां प्रति एकड़ लीज रेंट 15 हजार रुपये है। अब निवेशकों से इसे नहीं लेने का प्रस्ताव है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे पर उपलब्ध जमीन पर 450 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले सोलर प्लांट बनाए जा सकते हैं। लगभग 2550  करोड़ रुपये का निवेश इसमें होगा।  टाटा पॉवर, जीएमआर एनर्जी, महाप्रीत, एनटीपीसी, आत्रिया पॉवर, सात्विक ग्रीन, ओएमसी पॉवर, टोररंट पॉवर, अडानी सोलर एनर्जी, आरएवीसी सॉल्यूशन, अवाडा ग्रुप, एचपीएम सोलर,नोवासाग्रीन कंपनियों निवेश में रुचि दिखाई हैं। 

सौर ऊर्जा संरक्षण अभियान में महत्वपूर्ण साबित होगा

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सोलर इनर्जी संयंत्र लगाने में कई कंपनियों ने रुचि व्यक्त की है। लेकिन इनसे सस्ती सौर ऊर्जा सरकार खरीदेगी। इससे सरकार जमीन रियायत में हुए नुकसान की भरपाई होगी। यहाँ कम से कम 50 मेगावाट की इकाई होगी। दोनों ओर कुल आठ पैकेज होंगे। हर पैकेज पचास किमी दूर होगा। हाल ही में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे जल्द ही उत्तर प्रदेश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो सौर ऊर्जा संरक्षण अभियान में महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने लीज रेंट नहीं लेने का फैसला किया था।

अन्य राजमार्गों भी सोलर पार्क में होगें तब्दील 

 मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निवेशकों को सोलर पार्क में अपने पैनल और उपकरणों की सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस पर सुरक्षा कर्मी और पेट्रोलिंग वाहन इसकी निगरानी करेंगे। सोलर पैनल भी पानी से नियमित रूप से साफ होंगे। रेलवे पर ही वायरलेस ई चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। वास्तव में, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी ऊर्जा नीति के तहत 2026 से 2027 तक 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। बुंदेलखंड के बाद अन्य राजमार्गों पर भी सोलर पार्क बनाए जाएंगे।