Liquor Quality : आर्मी कैंटीन और लोकल शराब की दुकान में क्या अंतर होता है? ऐसे करें क्वालिटी की पहचान
Liquor Price and Quality : शराब की कीमत उसकी क्वालिटी देखकर तय की जाती है आर्मी कैंटीन से ली गई शराब की बोतल और आम दुकानों से ली गई शराब दोनों में क्या फर्क होता है चलिए जानते हैं.......

The Chopal, New Delhi : शराब की कीमत और क्वालिटी पर आपने अक्सर अलग-अलग विचार सुने होंगे. आर्मी कैंटीन से ली गई शराब Liquor और आम दुकान से ली गई शराब की कीमतों में आपको काफी फर्क देखने को मिलता होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की क्या वजह है. तो यह आर्टिकल आपकी जानकारी के लिए है.
क्वालिटी पर करते हैं बात: लोग कहते हैं कि आर्मी कैंटीन की शराब की क्वालिटी बेहतर होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं होता कि यह शराब आम दुकानों में बिकने वाली शराब से बेहतर है। यह सिर्फ एक मिथक हो सकता है।
शराब की ब्रांडिंग: हर डिस्टिलरी अपनी अलग-अलग ब्रांड की शराब बनाती है, और यह ब्रांड आर्मी और आम बाजार के लिए अलग हो सकता है। यह ब्रांडिंग और पैकेजिंग की वजह से भी कीमतों में अंतर हो सकता है।
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टैक्स में मिलती है छूट: आर्मी कैंटीन के अधिकारी केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं, जिसके तहत उन्हें काफी टैक्स पे करना होता है। आर्मी कैंटीन में शराब के प्राइस में राज्य के वेट और अन्य टैक्सेज की छूट मिल सकती है, जिससे यह सस्ती हो सकती है।
राज्य टैक्स: हर राज्य में शराब पर अलग-अलग प्रकार के टैक्स लिए जाते हैं, और यह टैक्स आर्मी कैंटीन और आम दुकानों के बीच कीमत में अंतर पैदा कर सकते हैं। इसके कारण, कुछ राज्यों में आर्मी कैंटीन से शराब सस्ती हो सकती है।
ब्रांड प्रेफरेंस: कुछ लोगों को ब्रांड प्रेफरेंस होती है, और वे अपने पसंदीदा ब्रांड की शराब ही पीना पसंद करते हैं, चाहे वह आर्मी कैंटीन से हो या आम दुकान से।
जबकि पंजाब और हरियाणा में 4% वेट टैक्स लिया जाता है आर्मी कैंटीन से. कही-कही शराब की कीमत में 50% छूट भी मिल जाती है.यही कारण होता है आम दुकान और आर्मी कैंटीन की शराब में अंतर होने का.
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