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Lok Sabha Election: देश की इकलौती सीट जहां भाजपा नहीं उतार पाई उम्मीदवार, नहीं मिला सर्वे में कोई जिताऊ चेहरा

Punjab Lok Sabha Election 2024 : देश की फतेहगढ़ साहिब सीट पर अब तक भाजपा ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. प्रदेश में प्रमुख दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं. बीजेपी का चुने मैदान में उम्मीदवार अपना उम्मीदवार न उतारना उतारना इसके पीछे क्या राजनीति है। पढ़ें पूरी खबर

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Lok Sabha Election: देश की इकलौती सीट जहां भाजपा नहीं उतार पाई उम्मीदवार, नहीं मिला सर्वे में कोई जिताऊ चेहरा

Fatehgarh Sahib Lok Sabha Election 2024 : प्रदेश में प्रमुख दलों ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन फतेहगढ़ साहिब देश की इकलौती सीट बन गई है जहां भाजपा अब तक अपना उम्मीदवार नहीं उतार पाई है। इसके पीछे जो कारण निकल कर आया है, वह भाजपा के सर्वे में जिताऊ चेहरा न मिल पाना है। भाजपा पंजाब में इस सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही है। अब तक करवाए गए सर्वे में भी किसी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है, जिसे पार्टी अपना प्रत्याशी घोषित कर सके।

1 जून को पंजाब में लोकसभा के लिए मतदान होना है। केवल 21 दिन बचे हैं। अब जब भी इस सीट के लिए प्रत्याशी घोषित होगा, उसे चुनाव प्रचार के लिए कम समय ही मिल पाएगा।

गठबंधन में सीट शिअद के पास थी, भाजपा पहली बार उतरेगी

फतेहगढ़ साहिब सीट पर भाजपा पहली बार चुनाव लड़ेगी। क्योंकि अब तक भाजपा-शिअद का गठबंधन था। यह सीट शिअद के खाते में आती थी। भाजपा मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है।

प्रत्याशियों के लिए एक-एक दिन, एक-एक वोट महत्वपूर्ण

वोटिंग में 21 दिन बचे हैं। प्रत्याशी दो-दो दिन हर विस सीट पर लगाएगा तो 18 दिन लगेंगे। एक दिन भी प्रचार से चूकने पर कोई न कोई सीट छूटेगी। इससे जीत पर असर पड़ सकता है।

8 सीटों पर प्रचार करेंगे भाजपा के राष्ट्रीय नेता

अमृतसर, गुरदासपुर, आनंदपुर साहिब, पटियाला, बठिंडा, संगरूर, जालंधर और लुधियाना लोकसभा सीटों पर भाजपा के बड़े नेताओं को प्रचार के लिए लाया जाएगा।

शहरों के साथ ग्रामीण वोट पर भाजपा शिफ्ट

प्रदेश भाजपा ने अपने सभी उम्मीदवारों को कहा है कि अधिक से अधिक रोड शो और प्रचार ग्रामीण क्षेत्रों में करने हैं। ताकि हरेक प्रकार के वोटरों से विशेष तौर पर तालमेल हो सके। केंद्र की उपलिब्धयों को लेकर पोस्टर पहले ही बाटे जा रहे हैं लेकिन जो बाद में प्रत्याशी बनाए जा रहे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही।