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UP के 48 जिलों में इन कर्मचारियों पर होगी बड़ी कार्रवाई, ना पाएंगे नौकरी और ना ही लड़ पाएंगे चुनाव

UP News : यूपी के 48 जिलों के 382 शिक्षकों को लेकर योगी सरकार एक्शन में आ गई है। इन शिक्षकों की बर्खास्तगी पर अब तलवार लटक रही है। कभी भी इन शिक्षकों की नौकरी जा सकती है। दरअसल उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेज लगाकर सैकड़ों शिक्षक नौकरी करते मिले हैं।
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UP के 48 जिलों में इन कर्मचारियों पर होगी बड़ी कार्रवाई, ना पाएंगे नौकरी और ना ही लड़ पाएंगे चुनाव

The Chopal : यूपी के 48 जिलों के 382 शिक्षकों को लेकर योगी सरकार एक्शन में आ गई है। इन शिक्षकों की बर्खास्तगी पर अब तलवार लटक रही है। कभी भी इन शिक्षकों की नौकरी जा सकती है। दरअसल उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेज लगाकर सैकड़ों शिक्षक नौकरी करते मिले हैं।

इनमें देवरिया के 52, मथुरा के 43 और सिद्धार्थनगर के 29 शिक्षक भी शामिल हैं। पूरे प्रदेश से करीब 382 फर्जी शिक्षकों को एटीएस ने चिह्नित किया है। एटीएस को शक था कि 2006 से 2016 तक भर्ती हुए शिक्षक फर्जीवाड़ा करके नौकरी कर रहे हैं। पांच साल से एटीएस इन शिक्षकों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट, फर्जी प्रमाणपत्र या दस्तावेज में हेरफेर करके नौकरी पाने वाले लोगों की जांच कर रही है, जो सही पाई गई।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एटीएस की जांच में यूपी के 48 जिलों से 382 फर्जी शिक्षक मिले हैं, जिनकी बर्खास्तगी की तैयारी की सिफारिश की गई है। एटीएस जांच में ये भी लगा रही है कि भर्ती प्रकिया में किस तरह से धोखाधड़ी हुई है और जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों पर शिक्षकों को नौकरी दिलाने में किस तरह से मदद की। इन सभी शिक्षकों पर सरकार अब एक्शन की तैयारी में हैं। शिक्षकों को बर्खास्त करने के साथ ही उनसे अब तक लिए गए वेतन की भी रिकवरी की जाएगी। इसके अलावा अलावा ये शिक्षक अब दूसरी जगह नौकरी नहीं कर पाएंगी और न ही किसी तरह का कोई चुनाव लड़ सकेंगे। 

देवरिया में 1999 से 2023 के बीच बड़ी संख्या में भर्ती हुए हैं शिक्षक 

फर्जी दस्तावेज लगाकर परिषदीय विद्यालय में सरकारी नौकरी हासिल करने वाले जिले के 52 शिक्षकों को जल्द बर्खास्त किया जा सकता है। लखनऊ एसटीएफ ने जांच के बाद दोषी पाए गए शिक्षकों को बर्खास्त करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है। इस सूचना से फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। 

बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 1999 से 2023 के बीच बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती हुई थी। जिले में भी शिक्षकों की तैनाती हुई। इनमें कुछ कूटरचना कर फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बने थे। विभाग में फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ कर रही है। गोरखपुर एसटीएफ के साथ लखनऊ की टीम भी लगी है। अगस्त 2023 में लखनऊ एसटीएफ के एएसपी ने देवरिया बीएसए से संदिग्ध शिक्षकों की सूची और उनके प्रमाण पत्रों का ब्योरा मांगा था।

बीएसए कार्यालय ने एसटीएफ की सूची वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिए। जिले के 100 से अधिक शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच हुई। 52 शिक्षकों के प्रमाण पत्र कूटरचित मिले। एसटीएफ ने बीएसए को पत्र भेज कर इनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इन शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकने लगी है। विभाग के मुताबिक जिले में अब तक फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में 85 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। 

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