The Chopal

यूपी में स्मार्ट बिजली मीटर में जांच के दौरान मिली कई कमियां, जानिए क्या है मामला

यूपीपीसीएल की उच्च स्तरीय टीम ने राज्य में कई कंपनियों द्वारा लगाए गए बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जांच करते हुए कई कमियां पाई हैं। प्रदेश के ग्राहकों को खराब गुणवत्ता वाले मीटरों का भुगतान करना होगा।

   Follow Us On   follow Us on
यूपी में स्मार्ट बिजली मीटर में जांच के दौरान मिली कई कमियां, जानिए क्या है मामला 

The Chopal, Uttar Pradesh Corporation : उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन की उच्च स्तरीय टीम ने प्रदेश में कई कंपनियों द्वारा लगाए गए बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जांच करते हुए कई कमियां पाई हैं। कॉरपोरेशन के निदेशक कामर्शियल निधि कुमार नारंग ने इस मामले में मीटर निर्माता कंपनियों के सीईओ को तत्काल नोटिस भेजा और इन कमियों को मीटर से हटाने को कहा।

गौरतलब है कि जीनस, पोलरिस इनटैली स्मार्ट और जीएमआर ने यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का अनुबंध किया है। दोनों कंपनियों को नोटिस दिया गया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खराब गुणवत्ता पर परिषद लगातार आवाज उठाता रहा है, जैसा कि यह जानकारी सामने आई है। चीनी कंपोनेंट अधिक बार स्मार्ट प्रीपेड मीटर में प्रयोग किए जाते हैं। अब यह कंपनी की तकनीकी जांच में सामने आया है। प्रदेश के ग्राहकों को खराब गुणवत्ता वाले मीटरों का भुगतान करना होगा।

गुणवत्ताहीन मीटर लगाने वाली कंपनियों को काली सूची में डालने की मांग अवधेश वर्मा ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर फैक्टर को गलत रिकार्ड करना और आरसीटी में तकनीकी कमियां यह बताते हैं कि मीटर अच्छे नहीं हैं। उन्हें बताया गया कि पोलरिस इनटैली और जीएमआर के सीईओ को निदेशक कामर्शियल ने नोटिस भेजा है।

2.75 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर यूपी में लग चुके हैं ज्यादातर मीटर एलाइड इंजीनियरिंग वर्क्स (EWW) बनाए जाते हैं।

उपभोक्ता परिषद ने बताया कि इनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं उपभोक्ता परिसर में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तकनीकी जांच में पावर फैक्टर को गलत रिकॉर्ड करना, आरटीसी को दो घंटे में ट्रिप करना और पीटी रिसीवो को गलत फैक्टर बताना। आने वाले समय में स्मार्ट प्रीपेड मीटर में ये कमियां होंगी, इसलिए वे भार और समय को गलत रिकॉर्ड करेंगे।