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शुगर मिल एसटीपी का काम पूरा करने पहुंची मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल टीमें, 10-11 मई को हो सकती है शुरुआत

श्रीगंगानगर शुगर मिल एसटीपी को लेकर जिला प्रशासन की सख्ती का असर दिखने लगा है सीवरेज निर्माण करने वाली फर्म एसएन एनवायरो ने 15 एमएलडी का एसटीपी शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। फर्म की ओर से एसटीपी पर बकाया काम पूरा करने के लिए मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की टीमें बुलाई गई हैं।
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शुगर मिल एसटीपी का काम पूरा करने पहुंची मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल टीमें, 10-11 मई को हो सकती है शुरुआत

The Chopal : श्रीगंगानगर शुगर मिल एसटीपी को लेकर जिला प्रशासन की सख्ती का असर दिखने लगा है सीवरेज निर्माण करने वाली फर्म एसएन एनवायरो ने 15 एमएलडी का एसटीपी शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। फर्म की ओर से एसटीपी पर बकाया काम पूरा करने के लिए मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की टीमें बुलाई गई हैं। टीम के सदस्यों ने काम शुरू कर दिया है। एसटीपी पर सेंसर और लिमिट स्विच लगा दिए गए हैं। इसके जरिए पानी की मात्रा, फ्लो, मोटरों की कार्यप्रणाली, कितना पानी निकल रहा है समेत कई तरह की जानकारियां आसानी से पता चल सकेंगी। अच्छी बात यह है कि फर्म की ओर से 23 अप्रैल को एसटीपी का डेमो भी दिया जा चुका है।

शुगर मिल एसटीपी से किए जाएंगे 22 हजार सीवरेज कनेक्शन

एसटीपी शुरू होने के बाद जैसे ही यूआईटी की ओर से आरयूआईडीपी को जानकारी दी जाएगी, उसके बाद आरयूआईडीपी शुगर मिल एसटीपी पर सीवरेज कनेक्शन को लेकर सक्रियता बढ़ा देगा।  आरयूआईडीपी एक्सईएन श्रीकांत जांगिड़ का कहना है कि इस एसटीपी पर 22 हजार कनेक्शन होने हैं। वहीं सद्भावना नगर एसटीपी पर 21 हजार कनेक्शन होने हैं। एसटीपी शुरू होने के बाद सीवर कनेक्शन का काम शुरू किया जाएगा। इस काम में 3 से 4 महीने का समय लग सकता है। वहीं यूआईटी अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में शुगर मिल एसटीपी से सीवरेज लाइन जोड़ी जाएगी। इसके जरिए सबसे पहले नाले का पानी एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। शुगर मिल एसटीपी शुरू होने के बाद बारिश होगी। इसके बाद शहर में जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा। बताया जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो 10-11 मई तक एसटीपी शुरू हो जाएगा। कलेक्टर और यूआईटी प्रशासक लोकबंधु ने 2 मई को यूआईटी कार्यालय में बैठक की। फर्म प्रतिनिधि को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि 10 मई तक हर हाल में एसटीपी शुरू हो जाना चाहिए। कलेक्टर को शिकायत भेजी गई कि एसटीपी पिछले 5-6 साल से बनकर तैयार है।  

लेकिन फर्म द्वारा 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने की जानकारी दी जा रही है। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए फर्म को शेष सभी कार्य पूर्ण कर एसटीपी शुरू करने के निर्देश दिए। फर्म के वाणिज्यिक प्रबंधक सीएन दत्ता का कहना है कि कलेक्टर के निर्देशों की पालना में टीमें एसटीपी पर बकाया कार्य पूर्ण करने में जुटी हुई हैं। लेकिन वर्तमान में फर्म के सामने सबसे बड़ी समस्या फंड की कमी है। करीब 9 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है। एसटीपी पर काम कर रही स्थानीय फर्म भी एसएन एनवायरो पर बकाया राशि का भुगतान करने का दबाव बना रही हैं। लेकिन यूआईटी की ओर से भुगतान नहीं किए जाने के कारण इन फर्मों को भुगतान नहीं हो पा रहा है।