Milk Price: दूध हुआ अब 6 रुपये महंगा, आम आदमी की जेब को लगा महंगाई का झटका
Agricutlure News: देश के इस राज्य में गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ोतरी की घोषणा की हैं। मुख्यमंत्री ने गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की.

Himachal Budget 2025: देश के इस राज्य में गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए राज्य का वार्षिक बजट पेश करते हुए गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा की। राज्य ने गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम मूल्य को बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 रुपये बढ़ाकर 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर होगा और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये से 61 रुपये प्रति लीटर होगा।
सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2025-26 का वार्षिक बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 रुपये बढ़ाकर 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर होगा और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये से 61 रुपये प्रति लीटर होगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को 2025 से 26 तक लाने का लक्ष्य है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगी है। गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा की गई। उन्होंने घोषणा की कि गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 रुपये बढ़ाकर 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर होगा और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये से 61 रुपये प्रति लीटर होगा।
कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को अधिक लाभ मिलेगा
सुक्खू ने कहा कि प्राकृतिक खेती को 2025 से 26 तक लाने का लक्ष्य है। प्राकृतिक खेती अबतक लगभग 1.58 लाख किसानों ने अपनाई है। उनका कहना था कि प्राकृतिक रूप से कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को न्यूनतम 90 रुपये प्रति किलोग्राम का समर्थन मूल्य मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हमीरपुर में मसाला पार्क बनाने की तैयारी कर रही है।
धार्मिक और पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देना
सुक्खू ने वर्ष 2025–26 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि यह साल वित्तीय चुनौतियों से भरा होगा क्योंकि राजस्व घाटा अनुदान कम हो गया है और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा बंद हो गया है। उनका कहना था कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और कम प्रसिद्ध स्थानों को लोकप्रिय बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। चाय बागानों को भी पर्यावरणीय गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाएगा।
उनका कहना था कि राज्य की लोन देनदारी बढ़कर 1,04,729 करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें वर्तमान सरकार ने 29,046 करोड़ रुपये लिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में लिए गए लोन का सत्तर प्रतिशत पूर्ववर्ती सरकार के कर्ज और उसके ब्याज को चुकाने पर खर्च हुआ। ऐसे में विकास गतिविधियों पर केवल 8,093 रुपये खर्च किए गए।
दैनिक मजदूरी 20 रुपये से 320 रुपये की
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के तहत लगे श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 20 रुपये बढ़ाकर 300 से 320 रुपये की गई है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में नशे की लत को नियंत्रित करने के लिए विशेष कार्यबल (STF) भी बनाया। उनका कहना था कि अगले वित्त वर्ष में शिमला रोपवे परियोजना शुरू की जाएगी और 2025 से 26 तक करीब 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी।