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Monsoon 2024: किसानों के लिए अच्छी खबर, ला नीना रहेगा सामान्य, इस साल खूब बरसेंगे बादल

IMD News : देश में मौसम का मिजाज लगभग बदलता रहता है। कभी बरसात कभी आंधी, कभी तूफान मौसम की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। ताजा जानकारी के अनुसार भारतीय मौसम विभाग में एक अपडेट जारी की है। इस बार मानसून को लेकर बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। पढिए पूरी खबर विस्तार से 

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Monsoon 2024: किसानों के लिए अच्छी खबर, ला नीना रहेगा सामान्य, इस साल खूब बरसेंगे बादल

Monsoon News : भारतीय मौसम विभाग ने मानसून को लेकर एक अपडेट जारी किया है। भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख के अनुसार साल 1951 से लेकर पिछले साल 2023 तक डाटा एनालिसिस करने के बाद यह सामने आता है कि देश में 9 बार मानसून सामान्य से काफी बेहतर रहा है। इस साल भारत में मानसून सामान्य से बेहतर हो सकता है। इस साल देश भर में औसतन 87 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है, मौसम विभाग ने यह जानकारी दी हैं। ला नीना प्रभाव इस साल देश में अच्छा मानसून देगा। सितंबर से अगस्त तक अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।  

सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून

भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने कहा कि 1951 से 2023 तक का डाटा देश का मानसून सामान्य से नौ बार बेहतर रहा है। ऐसा ला नीना प्रभाव के बाद हुआ। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा, "1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार, हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पेश किया है।" इस सामान्य के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक देश भर में औसत 87 सेमी वर्षा होगी। देश में जून से सितंबर तक चार महीनों तक 106 प्रतिशत अधिक बारिश होगी, जो सामान्य से अधिक होगी। जलवायु विज्ञानियों का कहना है कि भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं, जबकि बारिश के दिनों में कमी आ रही है। इससे बाढ़ और सूखे की समस्या पैदा हो गई है। भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने कहा कि 1951 से 2023 तक का डाटा देश का मानसून सामान्य से नौ बार बेहतर रहा है। ऐसा ला नीना प्रभाव के बाद हुआ। 

अल नीनो प्रभाव के चलते बीते साल कम हुई बारिश

वर्तमान में देश पर अल नीनो प्रभाव है, लेकिन अगस्त से सितंबर तक ला नीनो प्रभाव में बदलाव होगा। दक्षिणी गोलार्द्ध में भी बर्फबारी कम हुई है, जो भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के पक्ष में है। अल नीनो प्रभाव के दौरान 2023 में भारत में औसत से कम 820 मिमी बारिश हुई। यह दीर्घ अवधि के औसत 868.6 मिमी से भी कम थी। साल 2023 से पहले चार वर्षों में मानसून के दौरान भारत में सामान्य और सामान्य से बेहतर बारिश दर्ज की गई थी।

Al-Nino प्रभाव में मध्य प्रशांत महासागर की सतह का पानी गर्म होता है, जिससे चलते हुए मानसूनी हवाएं कमजोर होती हैं, जिससे भारत में सूखापन होता है. La-Nino प्रभाव में पूर्व से पश्चिम की तरफ हवाएं तेज होती हैं, जिससे समुद्र की सतह का गर्म पानी पश्चिम की तरफ चला जाता है, और चलते हुए समुद्र का ठंडा पानी ऊपर आ जाता है। भारत में लगभग 70% बारिश दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दौरान होती है। राष्ट्रीय कृषि क्षेत्र में मानसूनी बारिश का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, जो देश की कुल जीडीपी में 14 प्रतिशत का योगदान देती है। यह स्पष्ट है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा मानसून है।