UP के थानों में दाखिल होने पर सुनाई पड़ेगा 'श्रीमान जी', आम इंसानों को मिलेगी इज्जत, नई नीति लागू
UP News : उत्तर प्रदेश के थाना में अब पुलिस वालों की तू तड़ाक खत्म होने वाली हैं। अब पुलिस वालों की तरफ से आम आदमी को इज्जत मिलने वाली है। अगर फिर भी पुलिसकर्मी कोई बदसलूकी की करता है तो तुरंत अधिकारियों को शिकायत करें।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में पुलिस सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब थानों में आम जनता के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड़ ने जनता से सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए शिष्टाचार संवाद नीति लागू की है। पुलिसकर्मी अब जनता से क्या बात है, श्रीमान जी, इस तरह के भाषण से बात करेंगे। बुजुर्गों, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर महिलाओं को विशेष सम्मान मिलता है। बच्चों को भी टॉफी-चाकलेट मिलेंगे। ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों को भी उचित सम्मान मिलना चाहिए।
शनिवार रात नंदग्राम थाने में भाजपा नेता से मारपीट और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद पुलिस की भाषा और व्यवहार पर नई पहल की गई है। पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड़ ने शिष्टाचार संवाद नीति बनाई और लागू की है। जो अब हर पुलिसकर्मी जनता से सम्मानपूर्वक व्यवहार करेगा। आपको थाने में घुसते ही श्रीमान जी, क्या बात है? जैसे संबोधन सुनने को मिलेगा। तू-तड़ाक और क्रोधित लहजे को समाप्त करने की कोशिश की गई है। बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडरों को विशेष सम्मान दिया गया है।
बच्चों को टॉफी-चाकलेट दी जाएगी
संवेदनशीलता से उनकी हर शिकायत सुनाई जाएगी। सोमवार को जारी की गई नीति में बच्चों को टॉफी-चाकलेट और थानों में बैठने की बेहतर व्यवस्था होगी। सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों को हीरोगिरी करते हुए वीडियो बनाने पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
यदि पुलिसकर्मी आपसे बदसलूकी करे तो अधिकारी से शिकायत करें।
संतरी अब ड्यूटी पर फोन और ईयरफोन का प्रयोग नहीं करेगें। हर पुलिसकर्मी वर्दी, नेमप्लेट और कैप पहनकर अपनी भूमिका निभाएगा। पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड ने कहा कि जनता भी वीडियो बनाकर पुलिस अधिकारियों को भेज सकती है अगर पुलिसकर्मी बदसलूकी करते हैं।
ढाई महीने से टप्पेबाजी करने वाले फर्जी पुलिसकर्मी चकमा दे रहे हैं
कौशांबी पुलिस उज्बेकिस्तानी नागरिक से एक हजार डालर की टप्पेबाजी करने वाले कार सवारों को ढाई माह पहले नहीं पकड़ पाई है। दरअसल विदेशी नागरिक से फर्जी पुलिसकर्मी बनकर टप्पेबाजी की गई थी। वैशाली के निजी अस्पताल में आठ फरवरी को भाई का इलाज कराने पहुंचे उज्बेकिस्तान के आरिफजान को टप्पेबाजों ने ठगी की थी।
अस्पताल से दूध और फल लेने बाजार चले गए। उनके पीछे से सेक्टर एक के पार्क के सामने एक कार आई। उसमें से दो ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। जांच के लिए दस्तावेज की आवश्यकता है। पासपोर्ट और वीजा देखने के बहाने एक हजार डॉलर (करीब 87 हजार भारतीय रुपये) बैग से निकालकर भाग गए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद कार पाई, लेकिन कार का नंबर गलत निकला। टप्पेबाज पुलिस को अभी भी चकमा दे रहे हैं। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपियों की फुटेज मिली है, उन्हें खोज रहे हैं।