MSP की गारंटी से किसानों को मिलेगी ये मदद, गेंहू, चावल के अलावा किसान कर सकेगा नया विचार
Farmers movement : किसानों ने एमएसपी को कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर फिर से सड़कों पर उतर आए हैं। इस बीच, विज्ञान फर्म क्रिसिल ने कुछ अनुमान व्यक्त किए हैं। उसने एमएसपी की गारंटी पर अपनी राय व्यक्त की है। उसने कहा कि MP की गारंटी गेमचेंजर हो सकती है। इससे देश के किसान गेहूं और चावल के उत्पादन पर विचार करेंगे।

The Chopal : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी से हर फसल की आय बढ़ेगी। इससे भी खपत बढ़ेगी। किसान आंदोलन 2.0 में CMIA ने यह कहा है। उसने अनुमान लगाया कि इस तरह की गारंटी से सरकार को लगभग 21,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह अनुमान कृषि मार्केटिंग वर्ष 2023 के लिए किया गया है। CMIAA एक स्वतंत्र अनुसंधान संस्थान है। यह व्यवसायों, पूंजी बाजारों, अर्थव्यवस्थाओं और कंपनियों के बारे में राय और विश्लेषण देता है। CMIA एक ग् लोबल एनालिटिकल फर्म क्रिसिल डिवीजन है।
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MSP अभी केवल कुछ राज्यों से खरीदता है। इनमें छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और मध्य प्रदेश शामिल हैं। यह देखते हुए, CMIA ने सुझाव दिया कि एमएसपी गारंटी देश भर के किसानों को फायदा देगी। क्रिसिल के रिसर्च डायरेक्टर पुशन शर्मा ने कहा कि एमएसपी किसानों को उनकी फसल खरीदने का न्यूनतम मूल्य है। 23 फसलों पर इसे प्रदान किया जाता है। किसान चाहते हैं कि एमएसपी पर आधारित सभी फसलों को सरकार खरीद ले। 23 फसलों का पूरा उत्पादन खरीदने से सरकारी धन अधिक खर्च होगा। लेकिन सरकार सिर्फ एमएसपी से कम कीमत वाली फसलों को खरीदेगी।
क्रिसिल का कैलकुलेशन क्या कहता है?
पुशन शर्मा ने कहा कि उनके विश्लेषण से पता चलता है कि इसके चलते मार्केटिंग ईयर 2023 में करीब 6 लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की जरूरत होगी। हालाँकि, एमएसपी और मंडी कीमतों के बीच वास्तविक सरकारी खर्च का अंतर होगा। 2023 में मार्केटिंग वर्ष के लिए यह लगभग 21,000 करोड़ रुपये होगा। क्रिसिल ने अपने विश्लेषण में 23 में से 16 फसलों को शामिल किया जो 90% से अधिक उत्पादन का हिस्सा हैं।
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