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सरसों और सोयाबीन की कीमतों में दिखा उछाल, सही भाव के इंतजार में किसान

Edible oil prices : खाद्य तेलों की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना सही नहीं है। इसके लिए हमें कुछ ऐसे उपाय करने पड़ेंगे, जिससे हम तेल तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकें।
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सरसों और सोयाबीन की कीमतों में दिखा उछाल, सही भाव के इंतजार में किसान
The Chopal, Edible oil prices : सोमवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), सोयाबीन और सरसों तेल-तिलहन, पामोलीन और बिनौला तेल की कीमतें पूर्वस्तर पर रहने के अलावा, खाद्य तेलों के भाव विदेशों बाजारों में मजबूती के रुख और देश में खाद्य तेलों की आपूर्ति कम होने (शॉर्ट सप्लाई) के बीच शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में भ्रष्टाचार जारी है। व्यापार विश्लेषकों ने बताया कि साप्ताहिक छुट्टी के बाद बाजार फिर से खुलने पर सरसों की आवक बढ़ने के बजाय और घट गई। शनिवार को मंडियों में लगभग साढ़े छह लाख बोरी सरसों की आवक थी, लेकिन आज यह लगभग छह लाख बोरी रह गई।

किसानों ने अपनी फसलों को रोक रखा है और सही दाम मिलने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने की उम्मीद है। बंदरगाहों पर आठ-दस लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक रहा करता था, वह पाइपलाइन अब कम हो गई है, उन्होंने कहा। खाद्य तेल कंपनियों के पास भी बहुत कम स्टॉक था। यानी पाइपलाइन पूरी तरह से खाली है। पुख्ता तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि शादी विवाह और नवरात्र की खाद्य तेलों की मांग आगे बढ़ेगी।

तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता

मलेशिया के खाद्य तेलों का निर्यात सूत्रों ने कहा कि भारत जैसे बड़े आयातक देश में आयात घटने के बावजूद लगभग 20.53 प्रतिशत बढ़ा है। इस वृद्धि का कारण बहुत से देशों में खाद्य तेलों का इस्तेमाल बायोडीजल बनाने में है। वर्तमान स्थिति से पता चलता है कि खाद्य तेलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर होना सही नहीं है। इसके बजाय हमें तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। इसके लिए देशी तिलहन किसानों को तिलहन फसल का बेहतर मूल्य देने और देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित करना चाहिए। हाल ही में, सोयाबीन और मूंगफली की कीमतें सस्ते आयातित तेलों के थोक दामों के कारण गिर गई हैं, जिससे इन तेल-तिलहनों को खरीदना मुश्किल हो गया है। आगे इनका उत्पादन प्रभावित हो सकता है अगर इस स्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया गया।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे

सरसों तिलहन - 5,390-5,430 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,130-6,405 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,250-2,525 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,375 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,755-1,855 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,755 -1,870 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,685-4,705 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,485-4,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।