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MP में ग्वालियर से आगरा के बीच होगा 6 लेन हाईवे का निर्माण, मुरैना जिले से 145 गावों की जमीन होगी अधिग्रहण

MP News : MP में किसानों की जमीन सरकार लेने की तैयारी कर रही है. इससे मुरैना जिले के 145 गांव प्रभावित हैं। पहले ग्वालियर से आगरा जाने में तीन घंटे लगते थे। 6 लेन हाईवे अब सरकार बना रही है। सिक्स लाइन हाईवे के लिए मुरैना जिले के सौ से अधिक गांवों से भी किसानों की जमीन दी जा रही है। एनएएचआई ने भी नोटिफिकेशन जारी करने शुरू कर दिए हैं।

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MP में यहां होगा नए 6 लेन हाईवे का निर्माण, 145 गावों की जमीन की जाएगी अधिग्रहण

The Chopal : मध्य प्रदेश के आगरा से ग्वालियर जाने के लिए लगभग 3 घंटे का समय लगता था, लेकिन इस सफर में लगने वाला समय लगभग आधा घंटे यानी 90 मिनट होगा। ग्वालियर से आगरा के बीच बनाया जा रहा सिक्सलाइन हाईवे इसका परिणाम है। सिक्स लाइन हाईवे में मुरैना जिले के 100 से अधिक गांवों से किसानों की जमीन दी जा रही है, जिससे आम जनता को फायदा होगा। एनएएचआई ने भी नोटिफिकेशन जारी करने शुरू कर दिए हैं।

शासन ने भी नोटिफिकेशन जारी किए

ग्वालियर से आगरा जाने के लिए वर्तमान में एनएच 44 का उपयोग किया जाता है। जिस पर भारी वाहनों का दबाव भी रहता है, इसलिए हर दिन हादसे होते रहते हैं। शासन इस समस्या को हल करने के लिए ग्वालियर से आगरा तक 88 किलोमीटर लंबा नया राजमार्ग बना रहा है। जो सिक्सलेन की तरह तैयार होगा। विशेष रूप से, इसमें मुरैना जिले की तीन तहसीलों से लगभग 145 गांवों से लगभग 45 हेक्टेयर जमीन मिलेगी। जिसमें निजी और सरकारी जमीन शामिल है इसके लिए शासन ने भी नोटिफिकेशन जारी किए हैं।

एक सर्वे नंबर की जमीन ही सरकारी

सिक्स लेन के लिए 45 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। यह अधिग्रहण अंबाह ब्लॉक में आने वाले दिमनी के 50 सर्वे नंबरों की जमीन से शुरू किया गया है। इसमें 44 सर्वे नंबर निजी क्षेत्र की जमीन है और 6 सर्वे नंबरों की जमीन सरकारी है। वहीं लहर गांव में 68 सर्वे नंबरों की जमीन का कुछ हिस्सा सिक्स लेन के लिए शासन द्वारा अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें केवल एक सर्वे नंबर की जमीन ही सरकारी है.

वहीं अंबाह ब्लॉक की ही ऐहसा गांव के 15 सर्वे नंबरों की जमीन चिन्हित की गई है, जिनमें से जो सर्वे नंबर की जमीन सरकारी है बाकी के 6 सर्वे नंबर किसानो की जमीन के हैं। इसके अलावा मुरैना ब्लॉक में आने वाले बामोर में 12 गांव की जमीन सिक्सलेन हाईवे के लिए की गई है। इसी तरह से देखा जाए तो अधिकांश जमीन निजी व किसानों की है।

हाईवे पर रख रखाव को लेकर भी समस्याएं

ग्वालियर से आगरा जाने के लिए एनएच 44 का प्रयोग निरंतर किया जाता है। जो कि एक फोरलेन हाईवे है। इसकी क्षमता 20000 वाहनों की है, लेकिन तत्कालीन समय में यह संख्या काफी थी। लेकिन वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए अभी इस हाइवे से गुजरने वाले वाहनों की संख्या 42000 पैसेंजर कार यूनिट को भी पार कर गई है। जिसके कारण हाईवे पर रख रखाव को लेकर भी समस्याएं होने लगी है। निरंतर चलते वाहनों के चलते रखरखाव का कार्य भी समय पर नहीं हो पाता और यदि होता भी है तो लंबे-लंबे जाम की समस्या से लोगों को रूबरू होना पड़ता है। इतना ही नहीं हाईवे हादसों के लिए भी जाना जाने लगा है। यहां होने वाले हादसों की संख्या भी बहुत ज्यादा है।

आगरा पहुंचने में समय कम लगेगा

जल्दी ही ग्वालियर से आगरा के लिए बनने वाला सिक्स लेन हाईवे लोगों के लिए खास लाभदायक साबित होगा। सबसे बड़ी बात तो एक तरफ जहां लोगों को सिक्सलेन का अनुभव लेने को मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ ग्वालियर से आगरा की दूरी भी घट जाएगी। वर्तमान में यह दूरी लगभग 120 किलोमीटर आगे जाती है। जो कि सिक्स लेन तैयार होने के बाद महज 88 किलोमीटर रह जाएगी। जिससे एक तरफ जहां आगरा पहुंचने में समय कम लगेगा तो वहीं दूसरी तरफ अधिक सुविधायुक्त हाईवे होने से हादसों में भी खासी कमी आएगी और बड़े वाहनों के लिए एक सीधा मार्ग तैयार हो जाएगा। जिसका सीधा असर नेशनल हाईवे 44 पर भी पड़ेगा। जहां से भारी वाहनों का गुजरना कम हो जाएगा।