नया एलिवेटेड रोड घटा देगा जयपुर की 45 मिनट की दूरी, 4 लेन बनेगा रोड़
Rajsthan News : अलवर के सरिस्का एलिवेटेड रोड से जयपुर की दूरी 45 मिनट में कम हो जाएगी। नई सड़क चार लेन की होगी। पीडब्ल्यूडी ने केंद्रीय सरकार को भेजा है। अलवर से तालवृक्ष तक जाना सस्ता और अनुकूल है। रास्ते के नीचे से वन्यजीव आसानी से भाग सकेंगे। मंजूरी मिलने के बाद परियोजना दो वर्ष और पांच महीने में पूरी हो जाएगी।

New Sariska Elevated Road : सरिस्का एलिवेटेड रोड को बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। यह राजमार्ग बन गया तो अलवर से थानागाजी तक 45 मिनट कम लगेंगे। यानी पौने चार घंटे की यात्रा तीन घंटे में पूरी हो जाएगी। नए प्रोजेक्ट के अनुसार, इस सड़क को दो लेन की जगह चार लेन का बनाया जाएगा। जयपुर जाना जल्द ही आसान और कम समय लेगा। अलवर के सरिस्का एलिवेटेड रोड की योजना को और अधिक गति मिली है। इस सड़क के बनने से अलवर से थानागाजी तक 3 घंटे में जयपुर पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान समय से 45 मिनट कम होगा। नवीनतम योजना के अनुसार, इस सड़क को दो लेन की बजाय चार लेन बनाया जाएगा।
केंद्र सरकार को इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) विंग ने दो प्रस्ताव भेजे हैं। माना जाता है कि पहला रास्ता अलवर से तालवृक्ष होकर जाएगा। इस मार्ग पर वन्यजीवों को आसानी होगी और खर्च कम होगा। दूसरा विकल्प बहुत महंगा है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी।
3 साल से सरिस्का एलिवेटेड रोड बंद था
पिछले तीन वर्षों से सरिस्का को एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव अधूरा रहा है। पहली पीडब्ल्यूडी डीपीआर की लागत 2400 करोड़ रुपये आती थी। सरकार ने इतनी अधिक लागत पर प्रश्न उठाया था। अधिकारी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। संशोधित डीपीआर भी इसके बाद सफल नहीं हुआ। अब प्रस्ताव नवीनतम दो मार्गों से भेजा गया है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस की ऊंचाई वे की तरह होगी ताकि वन्यजीव ऊपर नहीं आ सकें
अलवर से तालवृक्ष तक जाना कई मायनों में अच्छा है। यह 32 किलोमीटर लंबा होगा और कम जमीन की आवश्यकता होगी। हालाँकि अलवर से नटनी का बारां तक का भाग चौड़ा होगा, यह पूरा रास्ता चार लेन का होगा। नटनी का बारां से थानागाजी तक 22 किलोमीटर का रास्ता मुख्य रूप से जमीन पर बनाया जाएगा. हालांकि, इसकी ऊँचाई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की तरह होगी, जिससे वन्यजीव ऊपर नहीं आ सकेंगे।
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वन्यजीवों को 22 किलोमीटर में से 7 किलोमीटर का रास्ता खुला होगा। साथ ही, हर 700 मीटर पर 300 मीटर का खुला क्षेत्र छोड़ा जाएगा, जिससे वन्यजीवों को आने-जाने में आसानी होगी। अगले महीने इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी तो सड़क दो वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगी।