UP में बनाया जाएगा नया ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे, 43 गांवों से गुजरेगा ये मार्ग
UP News : उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण हुआ है, जिससे प्रदेश के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा और विकास के नए अवसर मिले हैं। इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं ने न केवल यातायात को सुगम बनाया है, बल्कि औद्योगिक, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों में भी विकास को बढ़ावा दिया है। यहां उत्तर प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे और उनकी विशेषताओं की जानकारी दी जा रही है:
Uttar Pradesh News : प्रदेश में जहां से भी होकर एक्सप्रेस वे गुजरते हैं वहां जमीनों की कीमतें आसमान छूने लगती हैं क्योंकि एक्सप्रेस वे के लिए किसानों की जमीन का मोटे मुआवजे पर अधिग्रहण किया जाता है। उत्तर प्रदेश की जनता को 65 किलोमीटर लंबा एक और नया एक्सप्रेसवे मिलने वाला है और इस एक्सप्रेसवे के बनने से 43 गांव के लोगों की किस्मत चमकने वाली है।
उत्तर प्रदेश के लोगों को बहुत सारे एक्सप्रेवे मिल चुके हैं। प्रदेश के जनता को कई सौगाते मिल चुकी हैं। जबकि बहुत जल्द ही इस लिस्ट में एक और एक्सप्रेवे शामिल हो जाएगा। इनमें से एक अलीगढ़-आगरा एक्सप्रेसवे निर्माण को तेज कर हो चुका हैं। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अलीगढ़-आगरा एक्सप्रेस मार्ग
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जो अलीगढ़ से आगरा तक चलेगा, लगभग 65 किलोमीटर लंबा होगा। यह सड़क चार लेन की होगी। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को बनाने में लगभग 3200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह एक्सप्रेव मार्च 2025 से बनाया जा सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक्सप्रेसवे की घोषणा की है। 1796 करोड़ रुपये अभी मंजूर किए गए हैं।
सफर होगा आसान
एक्सप्रेस बनने से अलीगढ़ से आगरा की दूरी 90 मिनट में पूरी हो सकेगी। इसे अभी पूरा करने में लगभग ढाई घंटे लगते हैं। यानी लोगों को लगभग एक घंटे का समय ज्यादा बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को आगरा से अलीगढ़ के बीच बनाने की घोषणा करीब डेढ़ साल पहले की गई थी। यमुना एक्सप्रेसवे पर खंदौली टोल प्लाजा इस सड़क से जुड़ेगा। इसके लिए कुल 390 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना हैं।
दो चरणों में काम और जमीन अधिग्रहण होगा
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अलीगढ़ से हाथरस और आगरा के खंदौली तक जाएगा। एक्सप्रेसवे को दो चरणों में बनाया जाएगा। नेशनल हाईवे-91 (अलीगढ़) से असरोई हाथरस तक कुल 28 000 किलोमीटर की दूरी होगी। बता दे की 69.1623 हेक्टेयर जमीन अलीगढ़ में दी जाएगी। जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से किया जाएगा। इसमें कुल 321 गाटा सूचीबद्ध हैं।इस राजमार्ग पर 55 अंडरपास, तीन फ्लाईओवर और एक रेलवे ब्रिज बनाया जाएगा।
अलीगढ़ में कौन-सा शहर है?
एक्सप्रेसवे अलीगढ़ में कोल तहसील के हाजीपुर चौहटा, दयानतपुर, रसीला, बढ़ौली फतेह खां, मनोहरपुर कायस्थ, मईनाथ और समस्तपुर कीरतइगलास से होकर गुजरने वाला हैं।
इन गांवों की चमकेगी किस्मत
इसके अलावा पढ़ील, बैरमगढ़ी, तोछीगढ़, कनौरा, असरोईहाथरस-सासनी तहसील-संदलपुर, नगला भीखा, अबूपुर, सिघर्र, देदामई, नहलोई, विघेपुर, जसराना, लढ़ौता, जिरोली, मोहरिया, नगला गढू, बसगोई, छोड़ा गड़उआ, हर्दपुर, गढ़ी नंदराम से होकर गुजरने वाला हैं। इन गावों के किसान मालामाल होने वाले हैं।
हाथरस में कौन-सा शहर है?
तहसील हाथरस में कलासादाबाद से गुजरने वाले मार्गों में बीछीया, मुंगसा, टुकसान, नगला मनी, बिसरांत, धतूरा खुर्द, नगला नंदराम, ककरावली, विशुनदास, केशरगढ़ी, मगंतई, दौलताबाद, रामगढ़, कोरना चमरुआ, बमनई, तिहाईया नगला कारवा, गदई, खजुरिया, लुहेटा खुर्द शामिल हैं।
ये गांव भी शामिल हैं
तहसील बिचपुरी, कजरोठी, मीरपुर, जगरार, अदालपुर, नौगवां, दगशाह, ताजपुर, कुम्हेरी, सरोठ, कुरसंडा, गौंचा, सिसता, नसीरपुर और कंजौली से से होकर एक्सप्रेसवे गुजरने वाला हैं।