UP के इस जिले में बनेगा नया आईएसबीटी बस स्टैंड, कई जिलों और 4 राज्यों का सफर होगा आसान
UP News : उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में काफी विकास कार्य हो रहे हैं। सूबे की आम जनता की सहूलियत का खास ध्यान रखा जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में अंतरप्रांतीय बस टर्मिनल बनाने के लिए कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है। इस बस टर्मिनल को हरी झंडी मिलने के बाद अब जमीन अधिग्रहण के लिए पत्रावली उत्तर प्रदेश प्रशासन को भेज दी गई है।
Uttar Pradesh News : अब जिले के बैरिया में अंतरप्रांतीय बस टर्मिनल (ISBT) का सपना पूरा हो जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसका नक्शा अब बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने परियोजना के लिए जमीन देने की अनुमति दी है। प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री और नगर विधायक दयाशंकर सिंह ने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है। कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को फैसला किया गया कि चयनित परियोजना के लिए जिले के बैरिया में परिवहन विभाग को मुफ्त भूमि दी जाएगी।
कई राज्यों के यात्रियों कप मिलेगी सहूलियत
आईएसबीटी बैरिया में बनने से बलिया से बिहार, बंगाल, झारखंड और नेपाल सहित अन्य राज्यों में बसों का संचालन आसान होगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि बलिया सहित आसपास के जिलों से हर दिन हजारों लोग बिहार, बंगाल, झारखंड और नेपाल जाते हैं। ISBT बनने के बाद यात्रियों को बेहतर और आसान परिवहन मिलेगा। इस बस टर्मिनल से क्षेत्र में पर्यटन और कई रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। कहते हैं कि आईएसबीटी की स्थापना से बलिया को दूसरे राज्यों से बेहतर यातायात संपर्क मिलेगा। यह ISBT जिला विकसित होगा। जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
5.0640 हेक्टेयर जमीन का पहले ही भौतिक सत्यापन किया गया है
बैरिया राज्य एक साल पहले, एक अंतरराज्यीय बस अड्डा शुरू हुआ था। 21 दिसंबर 2023 को, परिवहन निगम के एआरएम अजय कुमार ने टीम को आईएसबीटी बनाने की अनुमति दी गई. टीम ने एनएच 31 के किनारे बैरिया तहसील के चांददीयर मौजा में कुल 14.7430 हेक्टेयर में से 5.0640 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की। भूमि अधिग्रहण के लिए पत्र कमिश्नरेट को भेजा गया था, लेकिन कमिश्नरेट से वापस आने के बाद उत्तर प्रदेश शासन को जिलाधिकारी कार्यालय से भेजा गया था। अंतरप्रांतीय बस अड्डा बनाने के लिए जमीन उपयुक्त बताई गई थी। 18 अक्टूबर को जिलाधिकारी से भूमि चयन के लिए प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश परिवहन ने पत्र भेजा था।