The Chopal

बिहार में जमीन अधिग्रहण के नए नियम लागू, सड़क तंत्र अब होगा मजबूत

Bihar news: बिहार में अब सड़क निर्माण के लिए नए जमीन अधिग्रहण नियम लागू हो गए हैं। पथ निर्माण विभाग ने तय किया है कि अब जमीन की उपलब्धता के मानकों के आधार पर ही सड़क निर्माण की अनुमति दी जाएगी। इस कदम से परियोजनाओं में देरी और लागत वृद्धि को कम करने में मदद मिलेगी।

   Follow Us On   follow Us on
बिहार में जमीन अधिग्रहण के नए नियम लागू, सड़क तंत्र अब होगा मजबूत 

Bihar land acquisition: सड़क निर्माण के लिए बिहार में नए नियम लागू हो गए हैं। पथ निर्माण विभाग ने फैसला किया है कि सड़क निर्माण की प्रक्रिया को अब जमीन की उपलब्धता के निर्धारित मानक पर ही शुरू करने देगा। इस नए नियम से सड़क निर्माण की देरी और लागत कम होगी।

पथ निर्माण विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अब वह जमीन की उपलब्धता के तय मानक के आधार पर ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करने की अनुमति देगा। सड़क निर्माण के लिए जमीन की व्यवस्था के बिना अनुमति देने से संबंधित परियोजना की अवधि बढ़ा दी जाती है। अक्सर, परियोजना की लागत भी बढ़ जाती है। केंद्रीय पथ निर्माण विभाग (NHI and MRTH) ने इसी महीने से यह नई व्यवस्था शुरू की है।

इस तरह की जमीन व्यवस्था की अनुमति मिलेगी

पथ निर्माण विभाग ने एक नया नियम बनाया है जो कहता है कि सड़क योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति दो भागों में दी जाएगी यदि भू अर्जन कुल स्वीकृत लंबाई के 20 प्रतिशत से अधिक है। पहला कदम यह होगा कि ऐसे सभी अनुरोधों में भू-अर्जन की निश्चित राशि की मंजूरी जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के अनुरोध पर की जाएगी। पार्ट-2 में योजना के नागरिक कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्री, तकनीकी शिफ्टिंग और अन्य विवरणों को सूचीबद्ध किया जाए। पार्ट-1 और पार्ट-2 को जोड़कर पूरी योजना की तकनीकी स्वीकृति दी जाए।

जिन योजनाओं में पार्ट-1 में भू अर्जन के तहत सन्निहित भूमि में 20 प्रतिशत से अधिक हो, उनकी निविदा नहीं आमंत्रित की जाएगी जब तक कि विभाग को दाखिल कब्जा विभाग को परियोजना की कुल सन्निहित भूमि का कम से कम पच्चीस प्रतिशत भू अर्जन नहीं मिलता है। ऐसी परियोजनाओं के लिए 70 प्रतिशत बाधा रहित भूमि उपलब्ध होने पर ही कार्यादेश जारी किया जा सकेगा। यह भी यूटिलिटी शिफ्टिंग करता था।

NHAI और MORTSH के नियम

NHAI और MORTSH की योजनाओं में यह प्रावधान है कि भू अधिग्रहण के मामलों में फारेस्ट क्लियरेंस के साथ निर्माण के पूर्व की प्रक्रिया भी शामिल होगी। EPC मोड में निर्माण करने के लिए 90 प्रतिशत बाधा रहित उपलब्धता आवश्यक है।

तिरहुत मुख्य नहर के दाएं सेवामार्ग

जल संसाधन विभाग ने तिरहुत मुख्य नहर के दाएं तट पर सड़क बनाने का काम पूरा किया है। यह कार्य मोतिहारी परिक्षेत्राधीन तिरहुत नहर अंचल, मुजफ्फरपुर में मुख्य अभियंता के रूप में किया जा रहा है। यह काम पूरा होने पर मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण जिलों में नहर से सिंचाई का निरीक्षण और प्रबंधन आसान होगा। साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण सड़कों को जोड़ते हुए यह योजना कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।

क्षेत्र के ग्रामीणों को इस सेवामार्ग से दूसरा रास्ता मिलेगा। किसानों को खेत-खलिहान से बाजार तक अपने कृषि उत्पादों को पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। राज्य में जल संसाधन विभाग का लक्ष्य बेहतर जल प्रबंधन और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार है। यह योजना सिंचाई सुविधा को मजबूत बनाएगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। स्थानीय निवासियों और किसानों को इससे बहुत लाभ होगा।
 

News Hub