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NCR के किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले, जमीन अधिग्रहण के लिए नई पॉलिसी लागू

NCR News : एनसीआर में किसानों से भूमि अधिकरण ना होने के कारण बहुत सारी योजनाएं अधर में लटकी पड़ी है. कहीं आरओबी का काम तो कहीं सड़क का काम अधूरा पड़ा है. आर्थिक टांगली के कारण डा किसने की सभी मांगों को मानने की हालत में नजर नहीं आ रहा है. आइये जानें नीचे खबर में ज्यादा डिटेल
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NCR के किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले, जमीन अधिग्रहण के लिए नई पॉलिसी लागू

The Chopal , New Delhi : गाजियाबाद में किसानों द्वारा प्राधिकरण को जमीन नहीं दिए जाने के चलते कई बड़ी योजनाएं अधर में अटकी हुई हैं। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) नीति के अंतर्गत किसानों से जमीन लेने पर विचार कर रहा है। टीडीआर नीति के अंतर्गत भूमि लेने वाला जीडीए उत्तर प्रदेश का पहला प्राधिकरण बन जाएगा। जीडीए अधिकारियों के अनुसार, इससे किसानों और प्राधिकरण दोनों को लाभ होगा।

क्या है पूरी योजना:

किसानों से भूमि अधिग्रहण नहीं होने के चलते गाजियाबाद में कई योजनाएं अधर में अटकी हुईं हैं। कहीं सड़क अधूरी रह गई है तो कहीं आरओबी का काम अटका हुआ है। आर्थिक तंगहाली के चलते जीडीए किसानों की सभी मांगों को मानने की हालत में दिखाई नहीं दे रहा है। जीडीए ने टीडीआर नीति लागू करने का निर्णय लिया है। इस नीति के लागू होने के बाद प्राधिकरण पर आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा। बता दें कि टीडीआर नीति के अंतर्गत किसी रास्ते के बीच में आ रही किसी जमीन को लेने के लिए फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) देना होगा, जो सर्किल रेट का 16 प्रतिशत होता है।

क्या होता है एफएआर:

फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) सर्किल रेट का 16 प्रतिशत होता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी भूमि का सर्किल रेट एक लाख रुपये प्रति वर्गमीटर है तो 16 प्रतिशत के हिसाब से 16 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर एफएआर दिया जाएगा। यह कुल कीमत का 16 प्रतिशत होगा। दूसरे परिपेक्ष में फ्लोर एरिया रेश्यो किसी भूखंड में निर्मित क्षेत्रफल को कहा जाता है। ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट के तहत जमीन लेने पर प्राधिकरण किसानों को एफएआर का सर्टिफिकेट और बांड देगा। उसके आधार पर किसान एफएआर को बाजार में किसी बिल्डर को बेचकर नगद पैसा ले सकेगा।

जीडीए की तंगहाली :

आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा जीडीए प्रत्येक शुक्रवार को अपना खजाना भरने के लिए नीलामी में प्रॉपर्टी बेच रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा आनंद विहार से वैशाली मेट्रो और सीमापुरी से गाजियाबाद नया बस अड्डा तक मेट्रो निर्माण के बाद जीडीए आर्थिक रूप से आज तक नहीं उठ कर खड़ा नहीं हो सका है। यही कारण है कि जीडीए किसानों की सभी मांगों को पूरा करने की स्थिति में नहीं है। जिसके चलते किसानों और प्राधिकरण के बीच जमीन खरीद को लेकर एक राय नहीं बन पाई है। शहर में अधूरे पड़े निर्माण कार्य और भविष्य को लेकर सरकार की योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं।

जीडीए अधिकारी का पक्ष :

जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट नीति से किसानों को काफी फायदा होगा। वहीं, अब किसान एफएआर मन मुताबिक किसी को भी बेचकर पैसा ले सकेगा। इससे अटकी विकास योजना को पूरा करने के साथ शहर में विकास की रफ्तार को तेज करने में मदद मिलेगी।

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