UP में इन जिलों के बीच बिछाई जाएगी नई रेल पटरी, जनता को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
UP News : उत्तर प्रदेश के पांच जिलों को आपस में जोड़ने के लिए 240 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रदेश के लोग इस रेल लाइन का पिछले 5 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। अब जाकर इस शुरू किया गया है जिससे लोगों के चेहरों पर काफी खुशी नजर आ रही है।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपनी जनता को एक से बढ़कर एक सौगात दे रही है। इसी के अंतर्गत 5 साल से इंतजार कर रहे बहराइच से खलीलाबाद वाया श्रावस्ती 240 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण कार्य शुरू कर दिया गया है। लंबे समय से इंतजार के बाद रेल लाइन का कार्य शुरू होने के बाद लोगों के चेहरे पर खुशी नजर आई है।
100 से अधिक गांवों की बदलेगी सूरत
उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती जिला देश ऐसा पहला जिला है, जहां पर अब तक कोई रेलवे लाइन नहीं है। इसके अलावा जिले में कोई परिवहन निगम डिपो की मौजूद नहीं है। लेकिन बता दे की श्रावस्ती जिले में एयरपोर्ट की सुविधा मौजूद है। इस एयरपोर्ट से हफ्ते में 2 दिन राजधानी लखनऊ के लिए हवाई सेवाएं प्रदान की जाती है। 240 किलोमीटर रेलवे लाइन के बिछाने के बाद श्रावस्ती जिले को रेल लाइन की बड़ी सौगात मिल जाएगी। जिले की जनता को बेहतर यातायात कनेक्टिविटी के साथ–साथ रेलवे के बेहतरीन सफर का आनंद ले सकेंगे। इस रेलवे ट्रैक से पूर्वांचल के सैकड़ो गांव की तकरीर बदलने वाली है।
4940 करोड रुपए राशि हुई मंजूर
इस योजना को मंजूर हुए पांच साल के बाद जिलेवासियों के लिए राहत की खबर सामने आई हैं। प्रदेश के श्रावस्ती जिले की 66 किलोमीटर की खुली नेपाल सीमा राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अति संवेदनशील मुद्दा है। यूपी का स्वास्थ्य बस्ती जिला भी रेल कनेक्टिविटी जुड़ सके इसको लेकर पंकज मिश्रा ने श्रावस्ती को रेल से जोड़ो संघर्ष समिति गठन किया गया। देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर जिलावासियों के साथ पंकज मिश्रा ने करना प्रदर्शन किया।
इस धरना प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार की तरफ से बहराइच से खलीलाबाद वाया भिनगा, इकौना, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज में 240 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को स्वीकृति मिली। साल 2018 में इसका सर्वे पूरा करवा कर 4940 करोड रुपए का बजट भी मंजूर किया गया। बता दे की तत्कालीन रेलवे मंत्री पीयूष गोयल व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की तरफ से इस परियोजना का सिंहासन मार्च 2019 में किया गया।
जमीन के भाव में आया उछाल
240 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक के बाद इलाके में यातायात आसान होने के साथ-साथ रोजगार और जमीनों की कीमतों में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस योजना को 2024-25 तक पूरा होना था, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। संघर्ष समिति के संयोजक पंकज मिश्रा ने दिसंबर 2023 में काम शुरू करने की मांग को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर दूसरी बार सत्याग्रह किया। इससे उत्तरी रेलवे ने जमीन खरीदना शुरू किया। साथ ही, श्रावस्ती को रेल से जोड़ो संघर्ष समिति के संस्थापक और संयोजक पंकज देव मिश्रा ने कहा कि संघर्ष समिति ने पूरी कोशिश की है कि जिले में एक नई रेल लाइन बनाई जाए। जोड़ो संघर्ष समिति की कड़ी मेहनत रंग लाई हैं।