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राजस्थान में 294 गांवों से निकलेगा नया रिंग रोड, वाहनों को मिलेगा सुपरफास्ट सफर

Rajasthan News : राजस्थान की राजधानी में नॉर्दर्न रिंग रोड के निर्माण कार्य के लिए तेजी से कवायद शुरू कर दी गई है। इस रिंग रोड का निर्माण करने के लिए 294 गावों को चिन्हित किया गया है। जल्द ही जमीन खरीदने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 

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राजस्थान में 294 गांवों से निकलेगा नया रिंग रोड, वाहनों को मिलेगा सुपरफास्ट सफर

Jaipur News : राजस्थान के जयपुर में आगरा रोड से दिल्ली बाइपास तक बनाई जाने वाली रिंग रोड का काम जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। इस रिंग रोड के लिए एलाइन्मेंट का काम पूरा हो गया है और जल्द ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी। संभावना है इस जल्द ही डीपीआर तैयार होने के बाद जमीन अवाप्ति का काम शुरू किया जाएगा।

नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अब इस प्रोजेक्ट को दिल्ली बाइपास चौंप से भी आगे अजमेर बाइपास तक बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए डीपीआर का काम दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 294 गांवों को चिह्नित किया है, जिनकी जमीन अवाप्ति की जाएगी। उम्मीद है कि दो-तीन महीने में जमीन अवाप्ति की कागजी प्रक्रिया शुरू होने के बाद जैसे-जैसे जमीन का कब्जा मिलता जाएगा। वैसे-वैसे मौके पर काम आगे बढ़ता जाएगा।

NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय आर्य ने बताया- नॉर्दन रिंग रोड को अजमेर बाइपास तक बनाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में जयपुर की शहरी सीमा से भारी वाहनों की आवाजाही को खत्म किया जा सके। जयपुर में बढ़ती आबादी और कॉलोनियों के बीच से हैवी ट्रैफिक गुजरने से जनप्रतिनिधि और आम लोग परेशान हैं।

इन इन तहसीलों से ली जाएगी जमीन

NHAI ने नॉर्दन रिंग रोड के नए प्रोजेक्ट के तहत सांगानेर तहसील के 32 गांव, फुलेरा के 21, मौजमाबाद के 12, किशनगढ़-रेनवाल के 4, कालवाड़ के 12, जमवारामगढ़ के 60, जयपुर तहसील के 36, चौंमू के 14, बस्सी के 13 और आमेर तहसील के 90 गांवों को चिह्नित किया है। इन जमीन की खसरावार रिपोर्ट एनएचएआई ने जिला कलेक्टर से मांगी है।

इस तरह होगी लंबाई चौड़ाई

एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार रिंग रोड का ये प्लान अगर बनता है तो इस दौरान रोड की लम्बाई 110 किलोमीटर से भी ज्यादा की होगी। गरा रोड पर बगराना से दिल्ली रोड पर अचरोल तक करीब 45KM में ये कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर में 6 लेन का ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर होगा, जो 90 मीटर की चौड़ाई में बनेगा।

इस 90 मीटर में बनने वाले कॉरिडोर के लिए NHAI जमीन अवाप्ति खुद करेगा, जबकि इस कॉरिडोर के दोनों ओर 145-145 मीटर में प्रस्तावित डवलपमेंट कॉरिडोर का काम जेडीए करवाएगा। इसके लिए जमीन अवाप्ति का काम जेडीए ही करेगा। जयपुर में नॉर्दन रिंग रोड बनने से सबसे ज्यादा फायदा शहर के ट्रेफिक से संबंधित होगा।

अभी आगरा रोड की तरफ से दिल्ली और दिल्ली रोड से आगरा रोड की तरफ आने-जाने वाला ट्रेफिक जयपुर शहर में घाट की गूणी, ट्रांसपोर्ट नगर, रामगढ़ मोड, कुकस होते हुए गुजरता है। इस कारण जयपुर ट्रांसपोर्ट नगर, दिल्ली बाइपास पर ट्रेफिक का दबाव ज्यादा रहता है। रिंग रोड बनने के बाद ये ट्रेफिक अरावली की पहाड़ियों के आसपास से होकर निकलने लगेगा।