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राजस्थान में 2 जिलों के बीच बनेगी 83 किलोमीटर का फोरलेन, नितिन गडकरी ने दी मंजूरी

Rajasthan News : राजस्थान में इन जिलों  बीच से से गुजरने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है।  जिले की सरहद के इस गांव तक फोरलेन सड़क को मंजूरी मिली है। इस 87.63 किमी लंबे हाईवे के 4 लेन चौड़ाईकरण के लिए 787।33 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अनुमति दे दी है।

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राजस्थान में 2 जिलों के बीच बनेगी 83 किलोमीटर का फोरलेन, नितिन गडकरी ने दी मंजूरी

Rajasthan News : राजस्थान के नागौर बाइपास से जोधपुर सरहद के नेतड़ा गांव तक 87.63 किमी लंबे हाईवे के 4 लेन चौड़ाईकरण के लिए 787।33 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इस फोरलेन सडक़ निर्माण को केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। परियोजना से क्षेत्रीय यातायात को सुगम राह मिलेगी। साथ ही इसमें इस्तेमाल होने वाली आधुनिक तकनीक सडक़ को देश की अन्य सडक़ों से अलग और सुरक्षित बनाएंगी।

नए बनने वाली फोरलनसडक़ का निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होगा। अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। सडक़ के निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और तकनीकी प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी, जो सडक़ को लंबे समय तक मजबूत और सुरक्षित बनाए रखेंगी।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया है। शेखावत के कार्यालय से जारी प्रेसनोट के मुताबिक परियोजना के तहत सड़क के साथ-साथ 6.55 किलोमीटर लंबा बाईपास भी प्रस्तावित किया गया है, जो बावड़ी कस्बे समेत पूरे मार्ग के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। अपग्रेड के बाद सड़क का चौड़ीकरण और नवीनीकरण यातायात की गति को बढ़ाने के साथ-साथ दुर्घटनाओं के जोखिम को भी कम करेगा। इस मार्ग से जोधपुर से नागौर होते हुए बीकानेर तक का संपर्क है। ऐसे में यह रोड अपग्रेड फायदेमंद साबित होगा।

सबसे खास है यह मार्ग

जारी प्रेसनोट के मुताबिक जोधपुर से बावड़ी से पहले नेतड़ा टोल तक अभी फोर लेन की सड़क है। इसके आगे टू लेन सड़क है, जबकि इस मार्ग पर लगातार वाहनों की आवाजाही का दबाव बढ़ रहा है। जोधपुर-नागौर के बीच तेज और सुरक्षित यातायात से व्यापार, कृषि, पर्यटन और उद्योगों को लाभ होगा। विशेष रूप से किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी, जिससे उनके लिए लागत कम होगी। इसके साथ ही, पर्यटन स्थलों तक आसान पहुंच होने से राजस्थान में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।