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Nitin Gadkari : अमेरिका की तर्ज पर बनेंगी भारत की सड़कें और हाईवे, नितिन गडकरी बताया समय

केंद्र सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को तो जानते ही होंगे। वह कामकाज की अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा है कि भारत का लक्ष्य अगले पांच साल में अपने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के बराबर करने का है।
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Nitin Gadkari : अमेरिका की तर्ज पर बनेंगी भारत की सड़कें और हाईवे, नितिन गडकरी बताया समय

The Chopal : केंद्र सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को तो जानते ही होंगे। वह कामकाज की अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा है कि भारत का लक्ष्य अगले पांच साल में अपने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के बराबर करने का है। इस लक्ष्य को पाने के लिए एक व्यापक रणनीति के तहत सरकार काम कर रही है। इसके साथ ही उनका मंत्रालय महानगरों की भीड़ को कम करने, यात्रा के समय को घटाने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए काम कर रहा है।

काम का बदला तरीका

गडकरी ने बताया कि पिछले नौ साल में उनके मंत्रालय में काम का तरीका बदल गया। इस दौरान 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं आवंटित की गई हैं। मौजूदा नीतियों को बेहतर कर अनुबंध मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया। मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी ठेकेदार को अनुबंध की मंजूरी के लिए मेरे पास आने की जरूरत नहीं है। हम पारदर्शी, समयबद्ध, परिणामोन्मुख और गुणवत्ता के प्रति जागरूक हैं और तेजी से निर्णय लेते हैं। हम मंत्रालय, ठेकेदारों और बैंकरों को एक परिवार मानते हैं।’’

अच्छे काम को प्रोत्साहित करते हैं

‘मनोरमा ईयरबुक-2024’ में प्रकाशित एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘‘हम अच्छे काम को प्रोत्साहित करते हैं और यही कारण है कि हमारे पास सात विश्व रिकॉर्ड हैं। यह मंत्रालय की बड़ी उपलब्धि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि पांच साल बाद हमारा सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे का भविष्योन्मुखी विकास देश की जरूरत है। भारत को घरेलू और विदेशी दोनों स्रोतों से पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे की जरूरत है। इससे गरीबी दूर होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

जापान को पछाड़ा

देश के मोटर वाहन क्षेत्र का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत का वाहन उद्योग हाल में जापान को पीछे छोड़कर चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। ‘‘हमारा उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और राज्यों और केंद्र सरकार को अधिकतम माल एवं सेवा कर (जीएसटी) इसी क्षेत्र से मिलता है। अबतक इस उद्योग ने 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं। मेरा सपना अगले पांच साल में देश के वाहन उद्योग के आकार को दोगुना कर 15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने का है।

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