Noida Property : ग्रेटर नोएडा के मकान खरीदारों को मिली बड़ी राहत, खत्म हुई ये माथापच्ची
Property : ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Greater Noida Industrial Development Authority) के बोर्ड की शनिवार को बैठक हुई। इसमें मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी देने के साथ-साथ कई अहम फैसले लिए गए। साथ ही अथॉरिटी ने अपने flat allottees को बड़ी राहत दे दी है। प्राधिकरण बोर्ड ने बहुमंजिला फ्लैटों (FLAT ) के आवंटियों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (OTS) को मंजूरी दे दी है। अब यह ओटीएस तीन माह के लिए लागू होगी। इससे प्रीमियम, अतिरिक्त प्रतिकर और लीज डीड विलंब शुल्क पर लगी पेनल्टी से राहत मिल जाएगी। लगभग 2200 फ्लैट खरीदारों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है और प्राधिकरण को लगभग 468 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
प्राधिकरण के संपत्ति विभाग की तरफ से बहुमंजिला फ्लैटों के आवंटियों के लिए ओटीएस का प्रस्ताव रखा गया। विभाग की तरफ से बोर्ड को बताया गया कि एकमुश्त समाधान योजना लागू करने से लगभग 2200 बहुमंजिला फ्लैटों की लीज डीड का काम पूरा हो सकेगा। इससे प्राधिकरण को 468 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि भी प्राप्त हो सकती है। बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। ओटीएस (OTS ) के लागू होने से प्रीमियम की बकाया धनराशि और प्रतिकर पर पेनल्टी से राहत और लीज डीड के विलंब शुल्क की राशि पर 40 से 80 फीसदी (60 वर्ग मीटर तक के फ्लैट) और 20 से 40 फीसदी (60 वर्ग मीटर से अधिक) की राहत मिल जाएगी।
पानी पर खत्म होगी माथापच्ची
साथ ही ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में पानी के बकाया बिलों को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब खत्म हो सकेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (aos ) के गठन की तिथि से पानी का बिल एओए देगा, जबकि इससे पहले का बिल बिल्डर को जमा करना होगा। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 200 सोसाइटियां विकसित हो रही हैं। इनमें से अब तक लगभग 35 सोसाइटियों के पानी के बिल को लेकर बिल्डर और एओए में लंबे समय से विवाद चल रहा है। अब तक कोई स्पष्ट पॉलिसी न होने के कारण अड़चन आ रही थी।
बिल्डर हैंडओवर होते ही सभी बकाया देयता के लिए एओए को जिम्मेदार बताने लगे हैं, जबकि एओए हैंडओवर से पहले के सभी देयता के लिए बिल्डर को जिम्मेदार मानते हैं। प्राधिकरण बोर्ड में इस आशय का प्रस्ताव रखा गया। बोर्ड ने इस पर मुहर लगाकर साफ कर दिया कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए) के गठन की तिथि से पानी का बिल एओए देगा, जबकि इससे पहले का बिल बिल्डर को जमा करना होगा। इससे प्राधिकरण को भी अब पानी का बकाया बिल लगभग 65 करोड़ प्राप्त करने में आसानी होगी।
किसानों की बल्ले-बल्ले:
ग्रेटर नोएडा के किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को प्राधिकरण बोर्ड ने पूरी कर दी। बोर्ड बैठक में किसानों के पक्ष में तीन अहम फैसले लिए गए। पहला, अब तक जो किसान प्राधिकरण से प्राप्त आबादी की जमीन पर घर नहीं बना पाए हैं, वे अब बिना विलंब शुल्क के निर्माण कर सकते हैं। बशर्ते, अगर उन्होंने परिवार के बाहर बेच दिया तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी। दूसरा, किसानों को आवंटित आबादी भूखंडों के उप विभाजन की न्यूनतम सीमा 40 मीटर कर दी गई है जो कि अब तक 120 मीटर थी। बशर्ते यह विभाजन मूल काश्तकार और उनके उत्तराधिकारी गण के बीच नियोजन के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही होगा। तीसरा, ग्रामीण आबादी पर निर्माण की अधिकतम ऊंचाई नोएडा के समान करते हुए 11 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर कर दी गई है।
ग्रेटर नोएडा का फेस टू लगभग 40 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा। प्राधिकरण बोर्ड ने मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है। ग्रेटर नोएडा का पहला फेज 31733 हेक्टेयर का है। दोनों चरण विकसित होने के बाद ग्रेटर नोएडा कुल लगभग 71 हजार हेक्टेयर का हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा फेस टू में उद्योगों को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा आवासीय, ग्रामीण आबादी, मिक्स लैंड यूज, ग्रीनरी, संस्थागत, और ट्रांसपोर्ट के लिए एरिया प्रस्तावित की गई है।
33 सेक्टरों में गंगाजल की सप्लाई:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड के समक्ष 85 गंगाजल परियोजना की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। जल विभाग के मुताबिक वर्तमान समय में 33 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। अगस्त माह तक 39 सेक्टरों तक गंगाजल पहुंचा दिया जाएगा। पहले चरण में कुल 58 सेक्टरों में गंगाजल पहुंचाए जाने की योजना है, जिसे आगामी सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
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