UP में अब घर घर जाएगा बिजली विभाग, मीटर से साथ ये चीजें भी की जाएगी चैक
UP News : अब उत्तर प्रदेश में घर-घर बिजली विभाग की टीम आने वाली है। यह दल लोगों के घरों में चलने वाले बिजली उपकरणों, खासकर AC, की जांच करेगा। विभाग का लक्ष्य अधिक कर्मचारी लोड और अधिक आय है।
UP Electricity department : यूपी में अब बिजली विभाग की टीमें घर-घर जाती हैं। अब विभाग उपभोक्ताओं के घरों में लगे बिजली उपकरणों, खासकर AC, का विवरण जुटाएगा ताकि बिजली ग्राहकों से अधिक से अधिक आय प्राप्त की जा सके। कंपनियां इसके आधार पर जांच करेंगे और फिर विद्युत भार बढ़ाते हैं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने इस आशय का प्रस्ताव किया है। इसमें पावर कारपोरेशन के आईटी निदेशक को बिलिंग मास्टर में ऐसे लगे क्षेत्रों को चिह्नित करने (प्लैग) करने के लिए लिखा गया है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहा लाइनलास
सोमवार को, मध्य प्रदेश के निदेशक वाणिज्य योगेश कुमार ने इस संबंध में एक पत्र निदेशक आईटी को भेजा। जिसमें कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में बिना मीटर के बिना या मीटर बाईपास करके AC चलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण क्षेत्रों में लाइनलास लगातार बढ़ता जा रहा है। बिलिंग मास्टर में ऐसे लगे क्षेत्रों का कोई फ्लैग नहीं होने से अधिकारियों को इन क्षेत्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है। फ्लैग लगा होने पर स्वीकृत भार और खपत को बिलिंग मास्टर में देखा जा सकता है। खपत अधिक होने पर लोड बढ़ाया जा सकता है, जिससे फिक्स चार्ज से अधिक पैसा मिलेगा।
उपभोक्ता परिषद ने कहा इंस्पेक्टर राज का होगा विरोध
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को परेशान करने के लिए इंस्पेक्टर राज की तरफ जाने की कोशिश कर रही हैं, जिसका विरोध हर स्तर पर होगा। एक ग्राहक के घर में चार एसी लग सकते हैं। उपभोक्ता सभी AC का उपयोग करना जरूरी नहीं है। संभवतः एक भी एसी नहीं चल रहा है। जब उन्नत तकनीकी के मीटर उपभोक्ता क्षेत्र में लगाए जाते हैं, AC चलेगा तो उसका भार अपने आप मीटर में रिकार्ड किया जाएगा। मध्यांचल का प्रस्ताव ही अन्य विद्युत कंपनियों को इस दिशा में प्रेरित करेगा।
इसमें बिजली कंपनियां गरीब बिजली उपभोक्ताओं को निशाने पर ले रही हैं, ऐसा आरोप लगाया गया है। लाइफ लाइन उपभोक्ताओं के घर में ऐसा दिखने के लिए उसका भार बढ़ाना बिजली कंपनियां यह भूल रही हैं कि पहले टैरिफ में AC को अलग से चार्ज किया जाता था, लेकिन इस व्यवस्था को उपभोक्ताओं के बढ़ते शोषण के कारण हटाया गया था। बिल मीटर में रिकॉर्ड किए गए भार या यूनिट पर आधारित है।