The Chopal

अब Highway पर चलने वाले वाहनों से होगा बिजली उत्पादन, ऐसे जलेंगी लाईटें, 80 फीसदी तक कम होगी खपत

आपको बता दे की रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अतुल सरोजवाल ट्रिपल ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट पर अपनी टीम के साथ काम कर रहे हैं। वह एक प्रोजेक्ट बना रहे हैं जिससे सड़क पर चलने वाले वाहनों का वजन बिजली बना सकेगा। नीचे खबर का विस्तार देखें..।

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Now electricity will be generated from vehicles running on the highway, lights will light like this, consumption will be reduced by 80 percent

The Chopal - रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अतुल सरोजवाल एक ट्रिपल ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट पर कार्यरत हैं। प्रोजेक्ट के तहत सड़कों पर चलने वाले वाहनों के वजन से बिजली बनाई जाएगी। साथ ही सोलर पैनल और टरबाइन भी बिजली पैदा करेंगे। इनसे सड़क किनारे की लाइट जल सकती है। डॉ. अतुल सरोजवाल के प्रोजेक्ट के तहत पिजियो इलेक्ट्रिक क्रिस्टल, सोलर पैनल और विंड टरबाइन की मदद से बिजली उत्पादन होगा।

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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलीफोर्निया और इजरायल पिजियो इलेक्ट्रिक क्रिस्टल के जरिये वाहनों के वजन से पहले ही बिजली तैयार कर चुके हैं। तकनीक में सड़क के पांच सेंटीमीटर नीचे पिजियो इलेक्ट्रिक क्रिस्टल लगाए जाते हैं। एक किलोमीटर तक रोड पर क्रिस्टल लगाने से वाहनों के गुजरने पर करीब 400 किलो वाट बिजली का उत्पादन होता है। वहां से कनेक्शन देकर आउटर सर्किट में लोड लगाकर बिजली प्राप्त होती है।

लागत कम करने की है कवायद

पिजियो इलेक्ट्रिक क्रिस्टल के जरिये एक किमी की सड़क बनाने में करीब 70 लाख रुपये खर्च होते हैं। असम व मध्य प्रदेश में इससे जुड़े प्रोजेक्ट किये गए। अधिक खर्च होने से यह वृहद स्तर पर नहीं हो पाए। प्रोजेक्ट पूरा करने को साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड नई दिल्ली में करीब 40 लाख का प्रपोजल भेजा जा रहा है।

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80 फीसदी तक घटेगी खपत

ज्यादा से ज्यादा हरित ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए डॉ. अतुल ने विंड टरबाइन और सोलर पैनल का भी इस्तेमाल किया है। यह एक ही पोल पर रहेंगे। वाहनों के गुजरने पर हवा के तेज झोंकों से विंड टरबाइन चलेगी। धूप में सोलर एनर्जी का उत्पादन होगा। तीन तरह से ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होने से ग्रिड से आ रही बिजली की खपत 60 से 80 तक कम हो जाएगी।