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Old Note : 10 रुपये के ऐसे दो नोटों की लाखों रुपए है कीमत, जानिए नोट की खासियत

sell old notes and coins - आज लाखों रुपये के पुराने भारतीय नोट और सिक्के बिक सकते हैं। भारतीय करेंसी का इतिहास काफी पुराना है, और कई पुराने नोट और सिक्के अब चलन से बाहर हैं। लंदन में हाल ही में हुई एक नीलामी में दो 10 रुपये के भारतीय नोट लाखों रुपये में खरीदे गए। यदि आपके पास भी ऐसे ही पुराने और खास सिक्के या नोट हैं, तो आप उन्हें बेचकर कुछ पैसा कमा सकते हैं। नीचे खबर में इन विशिष्ट नोटों के बारे में जानें: 

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Old Note : 10 रुपये के ऐसे दो नोटों की लाखों रुपए है  कीमत, जानिए नोट की खासियत 

The Chopal, sell old notes and coins - हाल ही में लंदन में विश्व भर के पुराने और दुर्लभ बैंक नोटों की नीलामी हुई, जिसमें भारत के बहुत से नोट शामिल थे। पुराने नोटों (purane note on bechne ka tarika) में कई देशों के सालों पुराने नोटों की बोली लगी। विशेष बात यह रही कि इस नीलामी में भारत के 10 रुपये के दो पुराने नोट भी शामिल हुए। दोनों नोटों की पहली बोली 2.7 लाख रुपये होने की उम्मीद थी, लेकिन वे उससे भी अधिक कीमत पर बिके।

1990 के दशक से, ये बैंक नोटों की नीलामी मेफेयर पुराने नोटों, सिक्कों, गहनों और मेडल्स की नीलामी करती आ रही है। इस बार की नीलामी में 10 रुपये के दो भारत के पुराने नोट भी थे। ये दोनों नोट लगभग 106 साल पुराने हैं, इसलिए बहुत मूल्यवान हैं।

नीलामी में इन पुराने नोटों की कीमत अच्छी-खासी रही। दस रुपये का एक नोट 6,500 पाउंड (लगभग 6.90 लाख रुपये) में बिका था, जबकि दूसरा नोट 5,500 पाउंड (लगभग 5.80 लाख रुपये) में बिका था। इन नोटों की दुर्लभता और ऐतिहासिक महत्व के कारण संग्रहकर्ताओं ने उच्च बोली लगाकर उन्हें खरीदा। पुराने भारतीय नोटों की इस नीलामी से साफ है कि भारतीय ऐतिहासिक वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग है।

इन नोटों में क्या विशिष्ट है?

10-10 रुपये के ये दो नोट बहुत अलग हैं। दरअसल, ये नोट ब्रिटिश जहाज SS Shirala के मलबे से मिले थे। 1918 में बंबई (अब मुंबई) से लंदन जा रहा एक ब्रिटिश जहाज एसएस शिराला में शराब, मुरब्बा और गोला-बारूद था। 2 जुलाई 1918 को, इस जहाज को आयरलैंड के तट के पास डूबने के लिए जर्मनी की पनडुब्बी ने टॉरपीडो से हमला किया।
हादसे के बाद जहाज के मलबे से ये दो 10 रुपये के नोट मिले। इन नोटों की एक विशेषता यह है कि ये 25 मई 1918 को प्रकाशित हुए थे और गवर्नर के सिग्नेचर नहीं हैं, जो इन्हें और भी दुर्लभ बनाता है। इन नोटों को आज भी मिलना और उनका संरक्षण करना संग्रहकर्ताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

ये इतने महंगे क्यों हैं?

नूनन्स ऑक्शन की थॉम्सिना स्मिथ ने कहा कि ये नोट बहुत महंगे हैं क्योंकि वे ऐतिहासिक और दुर्लभ हैं। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 1918 में जहाज डूबने की घटना के बारे में सोशल मीडिया पर सूचना दी, तभी इन नोटों की महत्व समझ में आई। समंदर के पानी में सुरक्षित रहने के लिए ये नोट बंडल में कसकर पैक किए गए थे, इसलिए वे अच्छी स्थिति में मिले।
साथ ही, इन नोटों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उच्च गुणवत्ता का कागज भी आवश्यक था। जहाज के डूबने के बाद, एक रुपये, पांच रुपये और दसवीं रुपये के कई नोट पानी में तैरते हुए मिले, जिन पर किसी गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं था। ज्यादातर नोट खराब हो गए, लेकिन कुछ दुर्लभ नोट बच गए। 10-10 रुपये के ये दो नोट भी नीलामी में सबसे महंगे थे।

100 रुपये की इस नोट की भी नीलामी होगी

10 रुपये के पुराने नोटों (पुराने नोटों की खबर) के साथ-साथ एक 100 रुपये का दुर्लभ नोट भी नीलामी में है। यह 100 रुपये का अंग्रेजों का नोट है, जिसकी नीलामी 4,400 से 5,000 पाउंड के बीच हो सकती है, पीटीआई ने बताया। यह भारतीय रुपये में पांच लाख से अधिक है।

100 रुपये के नोट की एक विशेषता यह है कि उस समय गवर्नर ने कलकत्ता में इसे साइन किया था। नोट को हिंदी, बंगाली और अन्य भारतीय भाषाओं में भी वर्णित किया गया है, जो इसे और भी विशिष्ट बनाता है। उस समय बहुभाषी मुद्रा का बहुत कम उपयोग हुआ करता था, इसलिए इसका ऐतिहासिक महत्व बढ़ जाता है।

पुराने नोटों के कलेक्टर और उनके इतिहास में रुचि रखने वाले लोग इस नीलामी में बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं। 100 रुपये का नोट लोगों को अपनी विशिष्ट बनावट, उच्च गुणवत्ता और ऐतिहासिकता के कारण आकर्षित कर रहा है। पुराने भारतीय नोटों की नीलामी एक अच्छा अवसर है, क्योंकि वे ऐतिहासिक महत्व रखते हैं और संग्रहकर्ताओं के लिए एक दुर्लभ संग्रहणीय वस्तु बन रहे हैं।